Tuesday, May 14, 2024
होमराजनीतिबिहार लोकसभा चुनाव- लालू यादव का फायर या बैक फायर, यह कैसी...

बिहार लोकसभा चुनाव- लालू यादव का फायर या बैक फायर, यह कैसी कांग्रेस से लालू की दोस्ती या पीठ पीछे कांग्रेस को अपना पीछलग्गू बनाये रखने का खेल

बिहार और महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन को सबसे आसान समझा जा रहाथा और इन्ही दोनों जगहों पर कांग्रेस को सबसे ज्यादा दिक्कत गठबंधन करते समय हुई ।जिस लालू यादव की दोस्ती का दम्भ गांधी नेहरू परिवार को था उन्होने ही सबसे ज्यादा परेशान गठबंधन करते समय कांग्रेस को किया खासकर बेगूसराय और पूर्णिया की सीट के मामले में जिस तरह से लालू यादव ने जिस तरह से अपोज किया वह कल्पना से परे था बेगूसराय से गठबंधन के पूर्व ही लालू यादव की मर्जी से वामदल ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया वह कांग्रेस के लिये अपमान था क्योंकि वहांसे राहुल गांधी अपने प्रिय और तेज तर्रार कन्हैया कुमार को उतारना चाहते थे, दूसरी घटना कांग्रेस की नेत्री रजीता रंजन के पति पप्पू यादव जिनका घर और गढ पूर्णियां रहा है लालू यादव से मिलने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गये जबकि लालू यादव उन्हे अपनी पार्टी से लडांना चाहते थे लेकिन पप्पू यादव कांग्रेस से पूर्णिया में लड़ना चाहते थे अब पप्पू यादव निर्दल लड़ रहे हैं लालू यादव के दबाब में कांग्रेस ने पप्पू यादव को टिकट भी नहीं दिया और मजबूरन उनके नामांकन में उनकी पत्नी रंजीता रंजन भी गठबंधन धर्म के पालन हेतु शामिल नहीं हुई अब लालू यादव चाहते हैं कि पूर्णियां में राहुल गांधी उनके साथ संयुक्त रैली कर पप्पू यादव के खिलाफ प्रचार करें । दर असल पप्पू यादव का बिहार के सीमांचल इलाके में अच्छा खासा प्रभाव है और सीमांचल की लगभग नौ लोकसभा सीटें आती है और आने वाले समय में राहुल गांधी लोकसभा चुनाव के बाद पप्पू यादव को बिहार का कांग्रेस अध्यक्ष बनाना चाहते हैं और पप्पू यादव को इसी कारण से लालू यादव फूटी आंख नहीं सुहा रहे हैं अगर कांग्रेस बिहार में मजबूत होती है तो लालू यादव परिवार का वर्चस्व बिहार में कम हो जायेगा , यह स्थिति लालू यादव नहीं चाहते दूसरी सबसे बडी़ समस्या स्वंयम बिहार के कुछ बडे़ कांग्रेसी नेताओं की भी है अखिलेश प्रसाद सिंह जो बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं और दूसरी बार लालू यादव के सहयोग और कृपा से राज्यसभा पहुंचे हैं उनका अपना कोई जनाधार नहीं है केवल लालू यादव की कृपा से बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष बने हुए हैं वह भूमिहार जाति के हैं और अपने पुत्र को कांग्रेस में स्थापित करना चाहते हैं और महराजगंज में भूमिहारों की अच्छी खासी संख्या है , वहां से बेटे को टिकट दिलाना चाहते थे , बेगूसराय से टिकट न मिलने पर कन्हैया कुमार महराजगंज से टिकट चाहते थे लेकिन लालू यादव के विरोध के कारण कन्हैया कुमार को अब दिल्ली से मनोज तिवारी के खिलाफ राहुल गांधी ने टिकट दिया है अखिलेश प्रसाद सिंह भी जानते हैं कि अगर पप्पूयादव चुनाव जीत गये तो कांग्रेस में पप्पू यादव की पूछ होने लगेगी इसी लिए लालू यादव और कांग्रेस के ही ऐसे लोग जो अखिलेश प्रसाद सिंह के साथ जनाधार विहीन कांग्रेसी, जो लालू यादव की कृपा पर बिहार कांग्रेस में जमें हुए हैं , पप्पू यादव का घोर विरोध कर रहे हैं और राहुल गांधी पर उन्हे पार्टी से निकालने का दबाव बना रहे हैं । वहीं भाजपा और जेडीयू भी नहीं चाहती कि पप्पू यादव किसी भी हाल में जीतकर कांग्रेस को मजबूत करने पाएं इसी जदयू के प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने और पप्पू यादव को हराने स्वयंम प्रधानमंत्री मोदी जी पूर्णियां प्रचार कर चुके हैं अब देखना है कि सारी बातों को समझते हुए राहुल गांधी पप्पू यादव के खिलाफ लालू यादव के दबाव में प्रचार करने पूर्णियां आते हैं या नहीं ?- सम्पादकीय, News51.in

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments