Thursday, May 16, 2024
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कुलदीप यादव की प्रतिभा को अब जाकर वह सम्मान मिलना शुरू हुआ है, जिसका वह 4 वर्ष पहले ही हकदार था

लगभग चार वर्षों से भारतीय टीम से अंदर बाहर होने का दंश झेल रहे कुलदीप यादव का कोई गाडफादर न होने का भी खामियाजा भुगतना पडा़।इसी में कोढ में खाज का काम घुटने में लगी चोट ने भी किया।पिछले साल घुटने की चोट का सफल सर्जरी करा कर लौटे कुलदीप ने निराशा को पीछे छोड़ते हुए अपनी प्रेक्टिस लगातार जारी रखी और इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया कि प्रतिभा को और परिश्रम को ज्यादा दिनों तक दबाया नहीं जा सकता। लगातार टीम से अंदर-बाहर होने का असर उनके प्रदर्शन पर भी पडा़ और काफी समय तक टीम में आने केप्रयास में लगे रहे।इन चार सालों में अबतक मात्र आठ टेस्ट मैच और 32 टी-20 तथा 88 वन डे खेलने वाले कुलदीप यादव 2020 और 2021 में उन्हे बहुत कम खिलाया गया। जब कुलदीप पहले पहल भारतीय टीम में आये थे उन्हे बेहद प्रतिभावान चाईना मैन गेदबाज माना गया लेकिन लगातार अंदर बाहर होने और घुटने की चोट ने उन्हे लगभग गेंदबाजी से दूर कर दिया ।उनके कोच कपिलदेव पांडे के अनुसार सर्जरी के बाद कुलदीप अच्छे से पैर नहीं रख पा रहे थे लेकिन उन्होने काफी मेहनत किया और।अपने गेंदबाजी ऐक्शन में भी बदलाव किया ।इस एक दिवसीय एशिया कप में पाकिस्तान और श्री लंका जैसी टीम, जिसके खिलाडी़ स्पिन खेलने में महारथ हासिल रखते हैं क्रमशः5 और चार विकेट लेकर उन्होने तहलका मचा दिया है तथा उनके आत्मविश्वास में भी आशातीत वृद्धि हुई है शायद अब भारतीय टीम के रेगुलर खिलाडी़ बन गये हैं और आने वाले एक दिवसीय विश्वकप में भारतीय टीम के प्रमुख हथियार होंगे। इस वर्ष उन्होने एक दिवसीय मैचों में भारत की तरफ से सबसे अधिक 31 विकेट कुलदीप ने ही लिया है । कुलदीप यादव की उम्र अभी 23 वर्ष है और उन्हे देश के लिए काफी लम्बा खेलना है । सम्पादकीय-News51.in

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