समाज वादी पार्टी ने 2024 में यूपी में राज्य सभा चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ बगावत कर भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में मतदान कर जिन 7 विधायकों ने बगावत की थी, पहले ऐसा लग रहा था कि पार्टी उनकी विधायकी समाप्त करने की मांग करेगी, लेकिन उन 7 में से तीन को लगातार पार्टीविरोधी गतिविधियों के कारण कल पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। जिन 3 विधायकों को पार्टी से निष्कासित किया गया,उनमें से अभय प्रताप सिंह और मनोज पांडेय ने बाद में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी तीसरे विधायक राकेश प्रताप सिंह और मनोज पांडेय तथा अभय प्रताप सिंह अब न तो सपा और न ही भाजपा के सदस्य के रूप में विधान सभा में बैठेंगे अर्थात असंम्बध (किसी भी दल के) रहेंगे। शेष जिन चार विधायकों ने राज्य सभा में सपा के खिलाफ मतदान किया था, अच्छे आचरण के चलते उन्हें माफ कर दिया गया है। अयोध्या के गोशाईं गंज सीट से अभय प्रताप सिंह, अमेठी के गौरीगंज सीट से राकेश प्रताप सिंह और रायबरेली के उंचाहार सीट से विधायक बने मनोज पांडेय काफी समय तक सपा के मज़बूत सिपाही रहे।शेष जिन चार विधायकों को माफी दी गई उनमें पूजा पाल,विनोद चतुर्वेदी,राकेश मौर्य, राकेश पांडेय रहे। यहां यह बताना आवश्यक है कि 2024 में इन सातों सपा विधायकों की सपा से बगावत के कारण ही सपा के तीसरे राज्य सभा प्रत्याशी की हार हो गई थी और भाजपा का आठवां प्रत्याशी भी राज्य सभा चुनाव जीत गया था।पार्टी से निष्कासित विधायकों ने जया बच्चन पर उंगली उठाई और पूछा कि जो न किसी से ढंग से बात करती हैं और न ही उनके नाम पर एक भी वोट मिलना है, उन्हे बार-बार राज्य सभा क्यों भेजा जाता है। इन तीन विधायकों को पार्टी से निकाले जाने के बाद यूपी की राजनीति में बवंडर मचना स्वाभाविक है।-सम्पादकीय- News51.in