एक महान खिलाड़ी,जो 18 वर्षों से एक बार आईपीएल जीतने का दर्द अपने सीने में दबाये इस आशा से खेलता रहा कि ,शायद इस बार आईपीएल की ट्राफी उसकी टीम जीतेगी,लेकिन हर बार किस्मत उसे धोखा देती रही।कमाल ये कि हर बार उसकी मजबूत टीम रही और हर बार लगता था कि इस बार बैंगलोर अवश्य ही जीतेगी।अंत में निराश विराट कोहली ने बैंगलोर की कप्तानी छोड़कर फाफ डुपलेसिस को कप्तानी दिलाई,फिर अंत में इस बार टीम में रजत पाटीदार को कप्तान बनाया गया।उन्होने इस बार 2025 आईपीएल की ट्राफी विराट कोहली को अर्पित कर ही दिया । ऐसा कैसे हुआ। दरअसल पहले टीम के सभी खिलाड़ी केवल कोहली और ए.वी.डिविलियर्स के साये तले दब जाते थे,इन दोनों के आउट होते ही अन्य खिलाड़ी दबाव में टूटते थे और टीम हार जाती थी, लेकिन इस बार रजत पाटीदार ने अपनी कप्तानी में आगे बढ़कर अपनी शानदार प्रदर्शन से अपनी काबलियत साबित कर दी, इस बार विराट कोहली बेहद साधारण तरीके से अपना स्वाभाविक खेल खेला। उनके साथ टीम के कप्तान रजत पाटीदार समेत अन्य बल्लेबाजों ने भी शानदार प्रदर्शन किया,चाहें साल्ट, मयंक अग्रवाल, लियांग लिविंगस्टम,जीतेश शर्मा,कुणाल पांड्या रहे हों,सभी के टीम वर्क से रायल चैलेंजर्स और विराट कोहली का सपना पूरा हुआ। वहीं बात करें पंजाब की टीम की तो,उनकी टीम भी काफी अच्छा खेली,लेकिन कप्तान श्रेयस अय्यर का सस्ते में आउट होना मैच का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। अब मुम्बई इंडियन की भी बात करना आवश्यक है वह बेहद मज़बूत टीम थी,उसकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों सभी टीम से ज्यादा श्रेष्ठ थी लेकिन श्रेयस अय्यर की असाधारण पाली मुम्बई इंडियन पर पूरे टूर्नामेंट पर भारी पड गई । यही टी-20 की खूबी है, दिन विशेष होने पर कोई भी टीम किसी को भी हरा सकती है तभी ज्यादातर क्रिकेट के जानकारों को रायल चैलेंजर्स के प्रसंशकों को बैंगलोर की जीत का आभास हो गया था,लेकिन पंजाब की टीम ने अंत तक लड़ाई लड़ी लेकिन कप्तान की असफलता पूरी टीम पर भारी पड गई। स