पहले बात भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन)बी. एल संतोष की बात करते हैं बी. एल संतोष कर्नाटक से आते हैं और संघ के हार्डलाइनर प्रचारक की छवि रखने वाले संतोष चुनावों के दौरान वार रूम के कुशल संचालन के रूप में जाने जाते हैंऔर लो-प्रोफा इल रहकर काम करते हैं लेकिन पर्दे के पीछे रहकर चुनावी रणनीतियां बनाने में माहिर हैं।कर्नाटक के शिवमोगा के रहने वाले पेशे से केमिकल इंजिनियर थे। आर एस एस से आए संतोष ने आजीवन शादी नहीं की और पूरा जीवन संघ को समर्पित कर दिया है। दूसरी तरफ कांग्रेस महासचिव (संगठन)के.सी. वेणुगोपाल की बात करते हैं। 4 फरवरी 1964 को जन्मे केरल के अलप्पुझ्झा लोकसभा से चुनाव जीता है।यूपीए सरकार में उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री भी रहे और पूर्व में राज्य सभा सांसद भी रह चुके हैं। इनकी सबसे बड़ी खूबी शीर्ष नेतृत्व को अपनी वाक पटुता से खुश रखना। वो बतौर महासचिव (संगठन)कहीं भी किसी भी प्रदेश में नहीं गये, हर समय साये की तरह राहुल गांधी के साथ चिपके रहते हैं और उन्ही के साथ ही किसी प्रदेश में जाते हैं। इसके अलावा इनकी कोई अपनी काबलियत नहीं है। इनकी शिकायत कई बार सभी राज्यों के तमाम मजबूत कांग्रेस नेताओं और कांग्रेस का भला चाहने वाले नेताओं ने परोक्ष और अपरोक्ष रुप से की है लेकिन पता नहीं किन करणों से अभी तक राहुल गांधी ने सबकी बातों को अनसुना ही किया है जबकि के.सी. वेणुगोपाल को हिंदीभाषी राज्यों के कांग्रेसी नेताओं के बारे में कोई खास जानकारी भी नहीं है-सम्पादकीय-News51.in