चेन्नई में पार्टी हेडक्वाटर पर एआईडीएमके की चल रही मीटिंग में पार्टी के ही दो गुटों में नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच जमकर मारपीट और संघर्ष हुआ एक गुट पलामी सामी और दूसरा गुट पनीर सल्वम का है इन दोनों गुटों के बीच जयललिता की मौत और उनकी सहेली शशिकला के मुख्यमंत्री पद से भ्रष्टाचार के कारण जेल जाने के बाद से मुख्य मंत्री पद को लेकर तनातनी चल रही थी उस समय तो पनीर सेल्वम किसी तरह मुख्य मंत्री बन गए थे जिसकी कसक पलामी सामी को आज तक है। विधान सभा चुनाव में डीएमके की भारी जीत के बाद करुणानिधी के बेटे स्टालिन ने मुख्यमंत्री पद सम्भाला ।इधर एआईडीएमके कमजोर होती चली गई। पलामी सामी जनरल काउंसिल की मीटिंग बुला कर पार्टी जनरल सेक्रेटरी बनना चाहते हैं लेकिन पनीर सेल्वम मीटिंग नहीं बुलाना चाहते थे उन्होंने मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन मद्रास हाईकोर्ट ने मीटिंग रोकने से इनकार कर दिया। जिस कारण ये संघर्ष हुआ दोनों के समर्थकों ने एक दूसरे के पोस्टर फाड़े और नारेबाजी भी की बाद में दोनों के समर्थक मारपीट पर उतर आए। जातिगत आधार और अन्य कारणों से पलामी सामी को ज्यादातर कार्यकर्ता पार्टी का जनरल सेक्रेटरी चाहते हैं जबकि पनीर सिल्वम का कहना है कि जयललिता के हर मौके पर वह साथ खड़े रहते थे और वह उन्हें ज्यादा मानती थीं किंतु मद्रास हाईकोर्ट के मीटिंग पर रोक न लगाने के आदेश के बाद पलामी सामी का गुट काफी मजबूत स्थिति में आ गया है और ज्यादातर कार्यकर्ता राज्य में डीएमके से कमजोर पड गई पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए पलामी सामी को जनरल सेक्रेटरी पद पर देखना चाहते हैं इधर मुख्य मंत्री स्टालिन बेहद मजबूत होकर उभरे हैं और तमिलनाडु में इस समय उनका एक छत्र राज्य है कहीं से भी उनका कोई विकल्प नहीं दिख रहा है मद्रास हाईकोर्ट के मीटिंग पर रोक लगाने से इनकार के बाद मीटिंग में पलामी स्वामी को पार्टी का जनरल सेक्रेटरी चुन लिया गया । उन्होने पनीर सेल्वम पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह स्टालिन से मिले हुए हैं और इसीलिए आज मीटिंग न होने पाये इसके लिए पुलिस का कोई बंदोबस्त नहीं हुआ फिर पलामी स्वामी ने पनीर सेल्वम और उनके सहयोगीयो को पार्टी से निष्कासित करने की घोषणा की। सम्पादकीय -News 51.in