राज्य ब्यूरो, कोलकाता – “स्वास्तिका” नामक पत्रिका में मोदी-ममता के रहस्यमय गठबंधन में फंसे सभी दल, विरोधी खेमे में विखंडन नामक शीर्षक से एक लेख के प्रकाशित होने के बाद पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, भाजपा और अन्य भाजपा विरोधी दलों के बीच हड़कम्प मच गया है। दर असल स्वास्तिका नामक पत्रिका से आर. एस. एस. की रीति निति और विचार धारा से जुड़े लोग हैं और 1948 में इस पत्रिका की स्थापना एक नाथ राणा डे, अमल कुमार बसु और काली दास बसु ने मिलकर की थी। इस लेख की शुरुआत बंगाल वैश्विक औद्योगिक सम्मेलन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को ममता बनर्जी द्वारा निमंत्रण से की गई है। विपक्ष एक तरफ सोनियां गांधी की अध्यक्षता में 16 दलों वाला और दूसरा ममता बनर्जी वाला विपक्ष, शायद इसी कारण सोनियां गांधी के आवास पर 16 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक में तृणमूल कांग्रेस को न्योता नहीं दिया गया। ये बैठक विपक्षी दलों के नेताओं का संसद से निलम्बन के विरोध के लिए एकजुटता दिखाने हेतु बुलाई गई थी। स्वस्तिका पत्रिका में हुए खुलासे के बाद पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के राज्य सभा सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि मै शुरूसे ही कह रहा था कि मोदी और ममता बनर्जी के बीच गुप्त गठबंधन है और दोनों का एक ही लक्ष्य है कांग्रेस विहीन भारत।पत्रिका ने यह लेख लिखकर बहुत साहस का कार्य किया है। मोदी के रास्ते का सबसे बड़ा कांटा दूर हो जाएगा बाकी सभी दल क्षेत्रीय हैं। तथा ममता बनर्जी कांग्रेस को समाप्त कर मुख्य विपक्ष का सपना पाले हुए है ।तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है।उधर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने इस लेख पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। चूंकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी और ममता बनर्जी दोनों का एक ही लक्ष्य है कांग्रेस विहीन भारत। इसके लिये विपक्ष में दरार डालने के लिए ममता बनर्जी को मोदी जी ने हथियार बना कर इस्तेमाल करने का मन बनाया है। ऐसा इस लेख द्वारा दर्शाया गया है।