Wednesday, May 15, 2024
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सपाऔर बसपा दोनों ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन करने से साफ किया इंकार, पर अभी से कुछ भी कहना है मुश्किल,क्योंकि बहुत कठिन है डगर……..

आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में होने हैंइस बीच देश के नौ अथवा होसका तो10 राज्यों में।विधान सभा चुनाव भी होने हैंसभी दलों ने अपनी- अपनी।तैयारियों में तेजी ला दी है।सपाऔरराबसपा ने उत्तर प्रदेश में औरभाजपा कांग्रेस नेपूरे देश में तैयारी शुरू कर दी है । वैसे तो सपा मध्यप्रदेश और राजस्थान में कुछ जकिगहों पर और बसपा भीमध्यप्रदेश,राजस्थान,छत्तीसगढ और एक दका स्थानों पर पर अपने प्रत्याशी उतार सकते हैं । लेकिन पूरा फोकस उनका यूपी ही रहेगा।अभी तो फिलहाल सपा और बसपा दोनों ने कांग्रेस से तालमेल से साफ इंकार करते दिख रहे हैं,लेकिन राजकनीतिक जानकारों के अनुसार अभी यह दूर की कौडी दिख रही है।इस लोकसभा चुनाव के पहले सम्भवतः 9 के बजाय 10 राज्यों में(जम्मू कश्मीर)चुनाव होने हैं इन राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस की राजनीतिक स्थिति में काफी अंतर आने वाला है । राजनीती के जानकारों के अनुसार त्रिपुरा में कांग्रेस और वामदलों का गठबंधन होना है जो त्रिपुरा में काफी प्रभावी है और यह बात न मानने का कोई कारण नजर नहीं आ रहा है कि कांग्रेस और वामदलों का यह गठबंधन देश के अन्य राज्योंमें भी न हो।इन राज्यों में यूपी और बिहार,पश्चिम बंगाल ,उडीसा और तेलंगाना भी शामिल होंगे।दर असल पूरे देश में वामदल भी अपनी प्रासिंगिकता खोती जा रही है उन्हे भी भरोसेमंद साथी दलों की जरूरत है।इन दस राज्योंमें कांग्रेस राजस्थान,त्रिपुरा,छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश,कर्नाटक, और जम्मूकश्मीर में कांग्रेस को बहुत ज्यादा उम्मीदें हैंभाजपा भी यह बात अच्छी तरह समझ रही है ।इसीलिए भाजपा में भीअभी से ही बैठकों का दौर शुरू हो चुका है और प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के दौरे चुनावी राज्यों मे चल रहे हैं।उधर नये कांग्रेस अध्यक्ष ने भी अपनी चाल चलनी शुरू कर दी है और कर्नाटक मेंप्रियंका गांधी ने भीउनके निर्देश पर अपना दौरा चालू कर दिया है ।जहांतक यूपी में अभी सपा और बसपा द्वारा कांग्रेस से गठबंधन न करने की बात को फाइनल नहीं मानाजा सकता ।यूपी मेंकांग्रेस कमजोर हैऔर वामदल बेहाल है दोनों के कार्यकर्ता विकल्प के अभाव में सपा और बसपा को वोट करते हैं लेकिन यह भी सच है कि जिसदिन यूपी में लोगों को कांग्रेस यह समझाने में सफल होजायेगी कि राष्ट्रीय स्तर पर और खासकर लोकसभा चुनाव में भाजपा से सिर्फ कांग्रेस गठबंधन हीलड़ पाएगा औरमान लीजिये एकदो सीट बसपा और 6-7 सीट सपा जीत हीजायेगी तो उसका कोई मतलब नहीं है तो वामदल और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया जोश और लगन निश्चित रूप से बढ जाएगा ।भले ही पिछले चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह हारी थी लेकिन उनका हौंसला और मनोबल बढ गया है और उनके कार्यकर्ता काफी उत्साहित हैं बाकी 9/10 राज्यों में चुनाव बाद राजनीतिक परिदृष्य में भारी परिवर्तन आना अवश्यम्भावी है और उसके असर से यूपी भी अछूता नहीं रहेगा औरसपाऔरबसपा की अपनी नीतियों में परिवर्तन आना भी अवश्यम्भावी होगा। सम्पादकीय,News 51.in

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