मायावती का स्वर्णिम दौर अपनी समाप्ति की ओर है नहीं लगता कि उन्होने अपने जिस भतीजे आकाश आनन्द को अपना उत्तराधिकारी बनाया है उसमें वह दम भी नहीं दिखता। जिस मायावती के एक इशारे पर उसके एमपी,एम एल ए हाथ बांधे खडे़ रहते थे और मीटिंग में मात्र उनके लिए एक कुर्सी रहती थी और उसपर मायावती बैठती थीं और सभी पार्टी पदाधिकारी जमीन पर बिछी दरी पर बैठते थे उनकी तुनक मिजाजी और सनक भरे निर्णय और कान का कच्चा होना उनपर भारी पड़ गया अब तो मात्र कीबसपा बची है एक- एक कर सभी विश्वसनीय उनका साथ छोड़ गये ।अअब तो उनके वोटर ,जो उनके इशारे पर कुछ भी करने को तैयार थे वह भी धीरे-धीरे भीम आर्मी, कांग्रेस और भाजपा में जा रहे हैं । विश्वस्त्र सूत्रों के अनुसार उनके दसो सांसद कुंठित होकर अन्य दलों में जा रहे हैं जिनमें सूत्रों के अनुसार अगर बसपा उन्हे टिकट नहीं देती है( सम्भवतः नहीं देगी) भाजपा, तीन कांग्रेस और तीन सपा में जा रहे हैं आइये जाने कौन कहां जाने को तैयार है- लोकसभा चुनाव के पहले ही गाजीपुर के बसपा सांसद अफजाल अंसारी को पहले सपा ने टिकट दे दिया है,जबकि अभी उन्होने सपा ज्वाइन भी नहीं किया है दूसरा नाम है सहारनपुर के बसपा सांसद हाजी फजलुरहमान , जिनकी बातचीत सपा सुप्रीमो से चल रही है घोसी के बसपा सांसद अतुल राय काफी समय तक दुष्कर्म के एक मामले में काफी समय तक जेल में बंद रहे और पार्टी की तरफ सेकोई मारल सपोर्ट उन्हे नहीं मिला था, जिससे वह पार्टी से बेहद खफा हैं और काफी समय से अखिलेश यादव के सम्पर्क में हैं तीन बसपा सांसद कांग्रेस के सम्पर्क में हैं इनमें पहला नाम है अमरोहा के सांसद।दानिश अली का है उन्हे मायावती ने राहुल गांधी से गले मिलने और उनकी तारीफ करने के कारण उन्हे पार्टी से कुछ माह पहले ही निकाल दिया था अब किसी भी समय कांग्रेस ज्वाईन कर सकते हैं दूसरा नाम है जौनपुर से बसपा सांसद श्याम सिंह यादव जो सम्भवतः आज भारत जोडो़ न्याय यात्रा में भी शामिल हो सकते हैं वैसे भी यूपी और मध्यप्रदेश में कांग्रेस में मजबूत यादव नेताओं की भारी कमी है श्याम सिंह यादव को कांग्रेस में शामिल कर उनके कद को बडा़ किया जा सकता है बाद में कुछ अन्य यादव नेताओं को यूपी में आगे लाने की भी सूचना सूत्रों के अनुसार है मध्यप्रदेश में अशोक सिंह यादव को राज्यसभा में भेजा है और कुछ अंश तक यादव नेताओं की भरपाई भी की है भाजपा के सम्पर्क में लालगंज विधायक संगीता आजाद हैं जो अपने पति के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल चुकी हैं दूसरा नाम है मलूक नागर, जो बिजनौर के बसपा सांसद।हैं और इसके अलावा अम्बेडकरनगर के बसपा सांसद रितेश पांडेय भी हैं ये सभी मायावती के लोकसभा चुनाव में अकेले लड़ने के निर्णय से अपने को असुरक्षित भी महसूस कर रहे हैं हालांकि ये सभी बातें सूत्रों के अनुसार है -सम्पादकीय-News51.in