आजमगढ -लोक सभा उपचुनाव में जैसी ब्यूहरचना मायावती ने सपा को हराने के लिए गुड्डू जमाली को लेकर रची थी आज उसमें वह कामयाब रहीं। आप सोच रहे होंगे कि आजमगढ का लोकसभा उपचुनाव भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव उर्फ़ निरहुआ ने अंततः बमुश्किल जीत कर भाजपा का परचम सपा के अभेद्य किले में लहरा ही दिया किंतु इसका श्रेय मायावती की रणनीति को जाता है। दर असल मायावती के स्वभाव को सभी जानते हैं कि मायावती किसी को इतना जल्दी किसी को माफ कर इतनी जल्दी दुबारा पार्टी में वापस नहीं लेती लेकिन जिस गुड्डू जमाली ने मायावती पर,” पैसे की भूखी” का आरोप लगा कर विधान सभा में पार्टी के नेता पद से और पार्टी सेभी इस्तीफा दे दिया और ओवैसी की पार्टी से विधान सभा चुनाव लड़ा हो और हार गया हो उसे तुरंत दुबारा पार्टी में वापस लाकर लोकसभा उपचुनाव में टिकट दे दिया। दर असल गुड्डू जमाली बहुत बड़े बिल्डर हैं और दो बार मुबारक पुर विधानसभा सीट पर चुनाव भी जीत चुके हैं और गरीब लोगों की भी अपने विधान सभा क्षेत्र में मदद करते रहते हैं ।अपने समुदाय में काफी लोकप्रिय भी हैं उनके अलावा कोई अन्य मुस्लिम उम्मीद वार रहता तो सपा का प्रत्याशी शायद चुनाव जीत जाता और यही मायावती नहीं होने देना चाहती थी इसीलिए गुड्डू जमाली को दुबारा से तत्काल पार्टी में वापस लाकर लोकसभा उपचुनाव का टिकट भी दे दिया। मुलायम सिंह यादव के पार्टी के स्थापना दिवस के साथ से जिला अध्यक्ष की कुर्सी मुलायम सिंह यादव के अध्यक्ष बने रहने तक रिकार्ड समय तक सपा जिला अध्यक्ष रहे और पार्टी में गुटबाजी का शिकार हुए रामदर्शन यादव जो मुबारक पुर विधानसभा से विधायक भी रह चुके हैं अखिलेश यादव की उपेक्षा से आहत हो भाजपा का दामन थाम लिया और निरहुआ को जीताने के लिए उन्होंने भी अपने समर्थकों के साथ पूरी ताकत लगा दी थी इसके अलावा पूरी भाजपा की टीम ने भी अपनी ताकत लगा दी थी सपा के दोनों जनाधार (एम वाई फैक्टर) में सेंधमारी हो चुकी थी नतीजा सामने है भाजपा जीत गई। मायावती जानती थी कि वो कमजोर हो चुकी है किंतु सपा को हराने की उनकी रणनीति सफल रही।