इटली के रोमान्या में 29 जुलाई 1882 में पैदा हुए बेनिटो मुसोलिनी शुरू से उग्र विचारों वाला था। उसकी माँ टीचर थी। 18 वर्ष की उम्र में उसने भी पढाना शुरू कर दिया। उस समय इटली में अनिवार्य सैनिक सेवा करने का नियम था। उससे बचने के लिए वह स्विटजरलैण्ड भाग गया। लेकिन फिर लौट कर सेना में भर्ती हो गया। फिर उसने पत्रकारिता शुरू कर दिया। वह फासीवादी विचारों का राजनेता बना ।उसनेअपने ही जैसे उग्र विचार वालों को इकट्ठा कर राजनितिक राष्ट्रीय पार्टी का नेतृत्व किया।उसने राष्ट्र सर्वप्रथम का नारा दिया, उस समय इटली में राष्ट्र वाद का उभार अपने चरम पर था। इटली की जनता ने उसे भगवान की तरह सिर माथे पर बिठाया और बेपनाह प्यार दिया। उसका फायदा उठाकर मुसोलिनी ने अपने 30,000 साथियों के साथ 1922 की27-28 अक्टूबर की रात्रि में जनता द्वारा चुनी सरकार के प्रधानमंत्री के आवास को घेर लिया। सेना चुपचाप खड़ी रही या शायद वे भी मुसोलिनी के सपोर्ट में हो गये थे। घबरा कर वहाँ के प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया तब इटली के किंग विक्टर इनैमुबल ने डर कर मुसोलिनी को प्रधानमंत्री बना दिया। सबसे युवा प्रधान मंत्री मुसोलिनी का वहां की जनता ने हाथोंहाथ ले लिया। शुरू के दो-तीन वर्षों तक तो वह सही ढंग से काम करता रहा, लेकिन उसके बाद तो उसने अपने विरोधियों को चुन-चुन कर या मरवा देता या जेल भेज देता था उसी समय जर्मनी में हिटलर के उत्थान से मुसोलिनी का अत्याचार छिप जाता था। वह हिटलर का खासमखास बन गया और उसका साथ युद्ध में देने लगा ।उसने इटली में 1922से लेकर 1943 तक 21 वर्षों तक शासन किया। लेकिन मित्रदेशों के विरूद्ध हिटलर का साथ देने जैसी गलत नीति और उसके अत्याचार से त्रस्त वहाँ की जनता जो उसे भगवान समझती थी उसके विरूद्ध हो गई थीउसने ऐसे -ऐसे नियम कानून बनाये जो उसके रास्ते के कांटे दूर कर सके और जनता को अपने पैर की जूती समझने लगा। उसकी प्रेमिका क्लारेटा हर समय उसके साथ ही रहती थी। 25 जुलाई 1943 को जनता की उसके प्रति नाराजगी को देखते हुए इटली के किंग ने उसकी सरकार को बर्खास्त कर उसे गिरफ्तार कर लिया, लेकिन कुछ ही दिनों के बाद सितम्बर में हिटलर ने उसे छुड़ा लिया। मुसोलिनी और क्लारेटा के मौत की गिनती 18 अप्रैल 1945 को उनके मिलान पहुंचने पर ही शुरू हो गई थी चुंकि हिटलर जर्मनी में रूसी सेनाओं से घिरा हुआ था मुसोलिनी की सुरक्षा में लगे जर्मनी के दस्ते थे। कैथलिक चर्च और कुछ दक्षिण अमेरिकी देश मुसोलिनी और उसकी प्रेमिका क्लारेटा को अपने यहां संरक्षण देने को तैयार थे लेकिन मुसोलिनी आत्मसमर्पण करने के बजाय अंतिम समय तक युद्ध करने को तैयार था।जब उसे यह मालूम हुआ कि जर्मन सैनिक रूसी सेनाओं के सामने आत्मसमर्पण करने वाले हैं तो उसने घबरा कर मिलान छोड़ दिया और अपने काफिले के साथ नात्जियों के नियंत्रण वाले आस्ट्रिया के टिलोरियम पहुंचने का प्रयास करने लगा।27 अप्रैल को रास्ते में भाग रहे मुसोलिनी के काफिले को कोमो झील के पास 52 वीं गारी बिल्ड पार्टी जन ब्रिगेड के सैनिकों ने रोक लिया और जर्मन अधिकारियों से कहा कि आप लोग जा सकते हैं लेकिन इटैलियन लोगों को हमें सौंप दें। जर्मनी के लेफ्टिनेंट बर्जर ने अपना ओवर कोट पहना दिया था मुसोलिनी ने हैलमेट और सन ग्लास पहन लिया था। और उसे और उसकी प्रेमिका क्लारेटा को बख्तर बंद गाड़ी से उतार कर ट्रक में बैठा दिया गया और ट्रकों का काफिला आगे बढ़ने ही वाला था कि फासिस्ट पार्टी के बोम्बाची ने पार्टी जन के लोगों को बता दिया कि ट्रकों में कुछ इटैलियन भी बैठे हैं तब इटली सैनिकों ने ट्रकों की दुबारा तलाशी ली तो चौथे ट्रक में एक कोने में शराबी का नाटक करते हुए मुसोलिनी क्लारेटा के साथ बैठा हुआ था इटली की नौसेना के पुराने सैनिक गिसिप नैग्रि ने मुसोलिनी को पहचान लिया और लेफ्टिनेंट लजारो को सूचित किया कि मुसोलिनी हमारी गिरफ्त में है। तब लजारो ने मुसोलिनी का नाम लेकर पुकारा और उसका हैलमेट और सन ग्लास उतारा गया और उसका कालर नीचे किया गया। और उसके पास का मशीनगन ले लिया गया। तब मुसोलिनी ने अपना 9 एम एम का लम्बी नली वाली पिस्टल चुपचाप लजारो को सौंप दी और कहा हम कोई विरोध नहीं करेंगे। तब उसे उसके 15 साथियों और क्लारेटा को बिना मुकदमा चलाए गोलियों से भून दिया गया। 29 अप्रैल 1945 को सुबह 3 बजे एक पीले रंग का ट्रक मिलान शहर के पियाजा के लोरैटो चौक खड़ा हुआ और उसमें से मुसोलिनी उसकी प्रेमिका क्लारेटा और 16 अन्य का शव सड़क पर फेंक दिया गया। 8 बजे सुबह की रेडियो बुलेटिन में इसकी जानकारी मिलते ही लगभग 5000 हजार लोगों की भीड़ वहाँ जमा हो गई। तानाशाह और क्रूर उस मुसोलिनी के प्रति लोगों की नफरत उस समय देखने लायक थी जिसे कभी उन्होंने अपना भगवान माना था और बेपनाह प्यार किया था। भीड़ में एक औरत ने उसकी क्षत विक्षत शरीर में 5 गोलियां मारी। दूसरी ने सबके सामने स्कर्ट उठाकर उसके चेहरे पर पेशाब किया। एक ने हंटरों से उसके शव को पीटा। लोगों ने उनके शव को पैरों तले कुचल डाला। एक शख्स ने मरा हुआ चूहा उसके मुहं में डालने का प्रयास किया और चिल्लाता रहा”अब भाषण दो इस मुंह से। कुछ लोगों ने मुसोलिनी, क्लारेटाऔर3 अन्य के शव 7 फिट उपर पैर में रस्सी से बांध कर उल्टा लटका दिया क्लारेटा की स्कर्ट उसके मुंह पर आ गई नीचे पेंटी न होने पर भी लोगों ने उसका उपहास उड़ाया। बाद में किसी ने स्कर्ट जांघ सेलगा कर बांधा। एक बजे अमेरिकी सैनिकों ने स्थिति को सामान्य कर उनकी लाशें ताबूत में रख कर पोस्टमार्टम हाउस भेजवाया ।जहाँ उन सब का पोस्ट मार्टम हुआ। मुसोलिनी को कब्र नंबर 384 में दफनाया गया, वहीं उसकी प्रेमिका क्लारेटा को मिलान में ही रीता कोल्फोस्को के नाम से दफनाया गया।