बाराबंकी (29 नवम्बर) -जिन बेटियों को बचपन में प्यार से कंधे पर और गोद में खिलाया और बड़ी होने पर हाथ पीले कर रोते हुए विदाई दी थी और विदाई के बाद क ई रातें छिपकर रोते गुजारी होंगी ऐसे बाबुल को लालच में अंधी दो सगी बहनों ने पिता की 7 बीघा जमीन की खातिर मृत घोषित करवा दिया। एक ऐसी लालच की कहानी, जिसने भी सुना, पढा, जाना, समझा, सबने दांतों तले अंगुली दबा ली। जब दोनों बेटियों की मां की मौत हुई थी उसी समय पिता को भी मृत दिखा दिया गया। मामला सिरौली गौसपुर तहसील के ग्राम तुरकानी,जनपद बाराबंकी के सत्यनरायन का है जिनका विवाह बंकी ब्लाक के ग्राम बड़ेल की सरोज कुमारी के साथ हुआ था जिनसे दो पुत्रियां प्रीती और ज्योति सैनी हुई थी 2005 में सरोज का निधन हो गया था। निधन के बाद प्रीति और ज्योति ने परिवार रजिस्टर की नकल में मां के साथ पिता सत्य नरायन को भी तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी फतेह बहादुर तिवारी से मिल कर मृत दिखा दिया था। इसी नकल के आधार पर 23 अक्टूबर 2005 को सात बीघा http://जमीन की भूमि की वरासत प्रीति और ज्योति के नाम लेखपाल शिवाकांत द्विवेदी ने कर दी। वरासत होते ही बैनामा गणेश शंकर (बिचौलिये) ने बड़ेल की शांति और अनुराग यादव के नाम लिखवा दिया। वरासत निरस्त कराने के लिए सत्यनरायन ने नायब तहसीलदार प्रतापगंज के न्यायालय में 2006 से लम्बित चल रहा है अगली पेशी 30 नवम्बर को है इस मामले की जानकारी जिलाधिकारी अविनाश कुमार के सामने आया है। 16 वर्षों से सत्यनरायन खुद के जिंदा होने का सबूत दे रहा है लेकिन कानूनी दाँवपेंच हर बार भारी पड़ जा रहा है। फिलहाल तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी फतेह बहादुर तिवारी, वरासत करने वाले लेखपाल शिवाकांत द्विवेदी, जमीन बिकवाने वाले गणेश शंकर, जमीन लिखाने वाले बड़ेल गांव के बाबादीन व अनुराग यादव तथा प्रीति और ज्योति को नामजद किया गया था अनुराग और बाबादीन को जमानत मिल चुकी है ग्राम पंचायत अधिकारी फतेह बहादुर तिवारी जेल में थे।
कहाँ तो बाप ही बेटियों को विदा करता है, यहां दो सगी बहनों ने पिता को मृतक दिखा कर जायदाद से ही विदा कर दिया
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