लखनऊ -आन लाईन भवन मानचित्रो को स्वीकृति करने मे विकास प्राधिकरणो और आवास विकास परिषद के कर्मचारीयो और अधिकारियो द्वारा की जा रही मनमानी और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए राज्य सरकार ने सम्बंधित साफ्टवेयर मे ही बदलाव कर दिया है ।इस सम्बंध मे प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने आन लाइन मानचित्र स्वीकृति के साफ्टवेयर मे बदलाव करने सम्बंधी शासनादेश जारी किया है ।आवास आयुक्त के साथ ही सभी विकास प्राधिकरणो के उपाध्यक्ष और मुख्य नगर तथा ग्राम नियोजक को जारी शासनादेश के अनुसार लो रिस्क श्रेणी के मानचित्र 48 घंटे(दो कार्य दिवस) मे स्वीकृति न किये जाने की दशा मे मानचित्र अब से स्वतः स्वीकृत हो जाएगा । लो रिस्क श्रेणी मे विकास प्राधिकरण व आवास विकास परिषद की योजनाओ के साथ ही ले-आउट स्वीकृत वाले विनियमित क्षेत्र आदि के आवासीय भवनो के मानचित्र आते है दूसरीतरफ कामर्शियल व ग्रुप हाउसिंग आदि के हाई रिस्क श्रेणी वाले मानचित्रो मे प्राधिकरण द्वारा भेजी गई आपत्ति का निस्तारण आवेदक द्वारा 30 दिनो मे न करने पर मानचित्र अब से स्वतः निरस्त हो जाएगा।प्राधिकरण द्वारा आवेदक को डिमांड भेजने के सात दिन के अंदर आन लाईन धनराशि का भुगतान न करने की दशा मे मानचित्र स्वतः निरस्त हो जाएगा ।
आन लाईन भवन मानचित्रो की स्वीकृति, 48 घंटे गुजरते ही स्वतः होगा स्वीकृत
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