हालांकि प्रथम फेज के प्रत्याशियों के नामांकन का 17 अक्टूबर आखिरी तारीख है लेकिन अभीतक दोनों मुख्य गठबंधन घटक दलों में नाराजगी दूर नहीं है,एकतरफ नीतीश कुमार को घटक दलों द्वारा मुख्य मंत्री पद का चेहरा न बनाए जाने से वो नाराज हैं वहीं 8-9 जेडीयू की सीट चिराग पासवान की पार्टी को दिए जाने की भी जेडीयू में नाराजगी है और तमाम बड़े नेता पार्टी छोड़कर भाग रहे हैं,दूसरी तरफ कांग्रेस 60 सीट पर अडी थी तभी लालू यादव पूर्व की भांति उम्मीदवारों को सिंबल देने की जानकारी मिलने पर राहुल गांधी भड़क गए थे और उन्होने सभी 243सीटों पर लड़ने की तैयारी शुरू कर दी थी वह तो तेजस्वी यादव ने सूझबूझ से सिंबल पाये सभी उम्मीदवारों को रातोंरात बुलाकर सिंबल वापस कराया,तब जाकर गठबंधन टूटने से बचा,पप्पू यादव ने इसी बीच यह कहकर सनसनी फैला दी कि भाजपा 143 सीट पर लड़ रही है,NDA में दरअसल 101पर भाजपा,101पर जेडीयू,चिराग पासवान 29, जीतन राम मांझी6, उपेंद्र कुशवाहा-6 सीट मिली है जीतन राम मांझी,उपेंद्र कुशवाहा,चिराग पासवान और भाजपा सहित किसी ने भी नीतीश कुमार के पक्ष में एक शब्द भी नहीं कहा है, सभी ने प्रधान मंत्री मोदी के लिए अपने-अपने वादे दोहराये हैं। राजगीर, सोनबरसा,गायघाट विधान सभा में वर्तमान में जेडीयू के विधायक हैं, के साथ कुल 9 सीट ऐसी हैं जो चिराग पासवान की पार्टी को देने सेभी जेडीयू नाराज है। वहीं भाजपा ने 71 उम्मीदवारों की पहली सूची तो जारी कर दी है,वहीं हम ने भी अपनी 6 सीट पर उम्मीदवारों को सिंबल दे दिया है, साथही उपेंद्रकुशवाहा भी 6 सीट मिलने से नाराज आज अमितशाहसे मिलने नयी दिल्ली ,आज तेजस्वी यादव राघोगढ से पर्चा दाख़िल करेंगे,इसी के साथ कांग्रेस ने भी 48 प्रत्याशियों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है, इंडिया गठबंधन में लगभग 6 सीटों पर गठबंधन आपस में ही लड़कर अपना ही नुकसान करने पर उतारू है वहीं एन.डी.ए में सभी दलों में आपसी सहमति बन गई है और उन्होने प्रचार भी शुरू कर दिया है ,इंडिया गठबंधन में सबसे पीछे कांग्रेस चल रही है और सीटों में तालमेल नहीं हो पा रहा है, एक बात कहना आवश्यक है कि राहुल गांधी जब अपनी पार्टी के प्रचार को पीक पर लेकर जाते हैं उसी समय सैम पित्रोदा उन्हे विदेश यात्रा पर बुला लेते हैं और बनाया कांग्रेस के प्रचार का टेम्पो बिगड जाता है हरियाणा चुनाव के समय और इस बार बिहार विधान सभा चुनाव के ठीक पहले इंडिया गठबंधन का इतना बढियां बना टेम्पो छोड़कर सैम पित्रोदा के बुलावे पर अमेरिकन देशों की 10-12 दिन की लम्बी यात्रा का मकसद समझ में नहीं आया, राहुल गांधी बार-बार एक ही गलती क्यों दुहराते हैं कौन उन्हे समझाए कि उनके वोटर भारत में हैं, विदेश में नहीं, कहीं उनकी यह भूल पूरे इंडिया गठबंधन पर भारी न पड़ जाए। कमाल की बात ये है कि दोनों गठबंधन ने अभी तक प्रेस कांफ्रेंस तक नहीं की है और प्रचार भी शुरू कर दिया है और गृह मंत्री अमित शाह ने एन.डी.ए गठबंधन की तरफ से साफ कर दिया है की विधायक दल की बैठक में पूर्ण बहुमत हासिल होने पर ही नेतृत्व का निर्णय लिया जायेगा। सम्पादकीय-News51.in