Monday, October 13, 2025
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हरियाणा कांग्रेस- भूपेंद्र सिंह हुड्डा का हरियांणा कांग्रेस में कोई सानी नहीं,चाहे सदन के भीतर उनका अनुभव, वाक पटुता, हाजिर जबाबी हो या दबंग जाट बिरादरी से उनका होना, हर वह गुण जो उन्हे बड़ा कद प्रदान करती है, राहुल गांधी भी उनके मुरीद हैं इसीलिए उनका प्रतिपक्ष का नेता बनना तयं है, असल समस्या कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की है सबका हिसाब लेना जरूरी है ?

हरियांणा कांग्रेस में इतना तो तय है कि हरियांणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही हरियांणा सदन में नेता प्रतिपक्ष होंगे, जो असल पेंच फंसा हुआ है वह हरियांणा कांग्रेस अध्यक्ष का है उनमें कई पुराने नये नामों की चर्चा जारी है पुरानों में कुमारी शैलजा, रणदीप सुरजेवाला,कैप्टन अजय सिंह यादव, बृजेंद्र सिंह,सांसद जय प्रकाश जेपी, अशोक तंवर ।इनमें कुमारी शैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला दोनों का विधान सभा चुनाव के दरम्यान मुख्य मंत्री पद पर लगातार बयान बाजी और चुनाव के दौरान प्रचार से दूर रहने को लेकर वैसे भी राहुल गांधी इन दोनों से काफी नाराज चल रहे हैं, (जाहिर नहीं करते)अशोक तंवर चुनाव के अंतिम दिन कांग्रेस में शामिल हुए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा को अकेली लडाई लड़नी पड़ी। इधर कुछ समय पूर्व बिहार से लौटते समय राहुल गांधी हरियांणा भी गए थे उस समय उन्होने किसी युवा नेता को अध्यक्ष बनाने की बात कही थी। दरअसल अहिरवार बेल्ट में(जो दक्षिण हरियाणा का हिस्सा है वहां भाजपा ने पिछड़ा कार्ड खेला था और 10 में से 9 सीट जीती थी कल रात एक समारोह सें लौटते समय भूपेंद्र सिंह हुड्डा रेवाड़ी में कैप्टन अजय सिंह यादव के आवास पर पहुचे एक प्रेस वार्ता में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष और नेताप्रतिपक्ष पर अंतिम निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी को लेना है वहीं कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा कि अध्यक्ष के लिए तीन-चार नाम चल रहे हैं उनमें मेरा भी नाम चल रहा है चिरंजीव राव, नरेन्द्र सिंह और राव दान सिंह का नाम प्रमुख है अहिरवार बेल्ट में3 लोकसभा क्षेत्र -भिवानी- महेंद्र गढ और गुड़गांव है और इनमें ही विधान सभा की 11में से 10 सीट भाजपा ने जीती थी एक मात्र सीट पर कांग्रेस ने बहुत ही कम मार्जिन से जीत दर्ज की थी इसीलिए कांग्रेस ने इस बार पिछड़ा वर्ग का कार्ड खेलने का मन बना लिया है राव नरेंद्र सिंह ,और राव दान सिंह के मुकाबले चिरंजीव राव का दावा ज्यादा पुख्ता नजर आ रहा है क्योंकि चिरंजीव राव के दादा भी कांग्रेस नेता थे उनके पिता कैप्टन अजय सिंह यादव आजीवन कांग्रेसी ही बने रहे, पद की लालसा कभी नहीं की और बेटे चिरंजीव राव बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद भी हैं और काफी युवा भी हैं वैसे दीपेन्द्र हुड्डा भी अध्यक्ष पद के गम्भीर दावेदार थे लेकिन पिता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सदन में नेताप्रतिपक्ष होंगे ऐसे में उनकी दावेदारी स्वतः ही समाप्त गई-सम्पादकीय-News51.in

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