कांग्रेस ने जबसे दिल्ली और फिर बाद में पंजाब के हाथों अपनी सत्ता गंवाई है और फिर जम्मू-कश्मीर और बाद में हरियाणा में पहले गठबंधन की बात करने के बाद ऐन वक्त पर हरियाणा की लगभग अधिकांश सीटों पर अपना प्रत्याशी उतार कर कांग्रेस को न केवल सकते में ला दिया बल्कि हार के बाद केजरीवाल पर भी कांग्रेस की हार में कुछ न कुछ उसका भी योगदान माना गया । जब ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन की अगुवाई स्वयंम करने की इच्छा जताते हुए कांग्रेस को इंडिया गठबंधन की अगुवाई करने में फेल्योर बताया और उसका साथ उमर अब्दुल्लाह और लालू यादव ने भी ममता की हां में हां मिलाई तब दिल्ली चुनाव के नजदीक आने के कारण आम आदमी पार्टी ने सिर्फ यक्ष सोच कर चुप्पी साध ली कि शायद कांग्रेस इसी कारण दिल्ली चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी। उसके पहले लोकसभा चुनाव कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने के बाद एक भी सीट न जीत पाने की खीझ में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधान सभा का चुनाव कांग्रेस से अलग अकेले चुना़व लड़ने की बात की थी ,तभी कांग्रेस को समझ में आ चुका था कि जबतक कांग्रेस स्वयंम को मजबूत नहीं करेगी तबतक इंडिया गठबंधन में उसके लिये आगे आने वाले समय में कोई मतलब होगा। शायद इसीलिये कांग्रेस ने दिल्ली में अपना वोट बैंक आम आदमी पार्टी से वापस लाने के लिये पूरी ताकत से दिल्ली चुनाव में उतरने का मन बनाया। अब तक उसने 47 उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है जल्द ही बाकी 23 उम्मीदवारों की घोषणा भी कांग्रेस वाले जब न कर दें । इससे तिलमिलाई आम आदमी पार्टी जो (नरेटिव गढने अर्थात मनगढंत बातें) करने में माहिर है उसने कांग्रेस पर भाजपा से मिलकर कांग्रेस के उम्मीदवारों पर यह भी आरोप लगा दिया कि कांग्रेस उम्मीदवारों को चुनाव लड़वाने के लिए भाजपा पैसा उपलब्ध करा रही है और कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची भाजपा वाले अपने दफ्तर में बैठकर बना रही है साथ ही उसने कांग्रेस आलाकमान को संदीप दिक्षीत और अजय माकन को 24 घंटे में पार्टी से निकालने का अल्टीमेटम देते हुए यहां तक कहा है कि इंडिया गठबंधन के साथियों से बात कर कांग्रेस को गठबंधन से बाहर करने के लिए बात करेंगे ।लेकिन लगता नहीं कि अब कांग्रेस न केवल दिल्ली बल्कि अन्य कहीं भी अपने पैर पीछे करेगी। उधर कांग्रेस नेता संदीप दिक्षीत ने दिल्ली के उप राज्यपाल से मिलकर आम आदमी पार्टी पर यह आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस उनकी खुफियागिरी कर रही है और पंजाब से पैसा लाया जा रहा है और यह पैसा दिल्ली चुनाव में लगाया जा रहा है एल जी ने उन्हे उनकी शिकायत की जांच कराने की बात कही है । 26 दिसम्हीबर को महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के 100 साल पूरा होने का अधिवेशन कर्नाटक के शहर बेलगांवी में उप मुख्यमंत्री डी. शिवकुमार की देख-रेख में आरम्भ होना था लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मन मोहन सिंह की मौत और एक सप्ताह के राष्ट्रीय शोक के कारण सभी कार्यक्रम स्थगित हो गये हैं । उस अधिवेशन में कांग्रेस साल भर का एजेंडा तय करेगा । उसमें कांग्रेस कयी राज्यों के संगठन पर भी निर्णय लेगी।अब यह सब एक सप्ताह के बाद ही होगा। लेकिन इतना तय है कि कांग्रेस इस बार सभी 70 विधान सभा चुनाव पूरी ताकत से लडे़गी,चाहे नतीजा जो भी हो, बाकी अन्य राज्यों के संगठन पर राष्ट्रीय शोक के बाद निर्णय लिया जाएगा। सम्पादकीय-News51.in