कांग्रेस ने झारखंड में नया प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर को बनाकर मुस्लिमों को एक संदेश देने का प्रयास किया है। इसके पहले भाजपा ने आदिवासी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी की अगुवाई में झारखंड में 2024 में होने वाले विधान सभा चुनाव में भाजपा की सत्ता लाने और लोकसभा चुनाव में सीटों की संख्या बढाने की कोशिश शुरू कर दी है उसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने मुस्लिम वोटरों को अपने पाले में लाने के उद्देश्य से गुलाम अहमद मीर को प्रदेश का नया प्रभारी बनाया है 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक झारखंड में मुस्लिमों की आबादी 14.5 थी पर्यवेक्षकों का मानना है कि 2020 में यह आबादी 18 प्रतिशत के आसपास पहुंच चुकी है। झारखंड के सात जिलों में मुस्लिम आबादी 20 फीसदी से उपर है साहिबगंज में 34.6, पाकुड़ 35.8 , गोड्डा में 22.02, गिरीडीह में 20.8, जामताडा़ 20.7, लोहरदगा में 20.5 प्रतिशत और देवघर में 20 . 2 फीसदी के करीब आबादी है । इसके अलावा हजारीबाग में 16.2 फीसदी, धनबाद में 16.8 फीसदी , कोडरमा और रांची भी उन जिलों में हैं जहां 14 फीसदी से अधिक आबादी है ।इसके अलावा भी क ई जगहों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैंपर्यवेक्षकों का मानना है कि मझारखंड की तुलना में बिहार में मुस्लिम आबादी ज्यादा है वहां लगभग 16 प्रतिशत करीब हैं मुस्लिम मतदाता , लेकिन झारखंड में मात्र 2 से 3 मुस्लिम विधायक प्रतिनिधित्व करते हैं कांग्रेस के एकमात्र विधायक आलमगीर आलम हैं जबकि झामुमो के हाफिजुल हसन को तब भी मंत्री बनाया था जब वे विधायक नहीं थे और अब कांग्रेस यह समझ चुकी है कि जबतक उनका पुराना।वोटबैंक मुस्लिम समुदाय उसकी ओर नहीं आता उसका मजबूत होना मुश्किल है। झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष राजेश।ठाकुर ने कहा कि मीर की तैनाती सामान्य प्रक्रिया के तहत की गयी है वह सात साल तक जम्मू कश्मीर के अध्यक्ष रह चुके हैं और उन्हे संगठन को मजबूत करने का अच्छा अनुभव है ऐसे में जब मुस्लिम समुदाय कांग्रेस की तरफ देख रहा है उनकी नियुक्ति पार्टी को मजबूती प्रदान करेगी।पार्टी अब ब्लाक स्तर से लेकर बूथ स्तर तक अपने को मजबूत कर रही है। – सम्पादकीय-News 51.in