उत्तर प्रदेश (इलाहाबाद ) – एक बार संझेय किस्म का आपराधिक मुकदमें चलने लगे तो उसे पीड़ित व्यक्ति वापस नहीं ले सकता कोर्ट ने कहा कि यह सरकार और अभियुक्त के बीच का मामला है और सरकार का यह दायित्व है कि समाज के विरूद्ध अपराध की विवेचना कर अपराधियों को दण्डित करायें। यह आदेश न्याय मूर्ति समीर जैन ने दिया। गढमुक्तेश्वर, हापुड़ के बुंद्दू व 13 अन्य के पक्षकारों में समझौते के आधार पर आपराधिक केस समाप्त करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया था। 14 लोगों पर दो लोगों पर जानलेवा हमले का आरोप है जिसमें दोनों पक्षकार ने समझौते के आधार पर मुकदमा खारिज करने की मांग की थी। कोर्ट ने इसे इस आधार पर मानने से इनकार कर दिया कि फायरिंग कर हत्या की कोशिश समाज और कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाला अपराध है इसे समझौते के आधार पर समाप्त नहीं किया जा सकता है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट -अब संझेय आपराधिक मामलों में पीड़ित व्यक्ति अपराध का मुकदमा वापस नहीं ले सकता
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