उत्तर प्रदेश में विधान परिषद् चुनाव में भाजपा ने कुछ ऐसे उम्मीदवार उतारे हैं जो कुछ समय पहले ही पार्टी में शामिल हुए थे यानि खांटी भाजपाई अब साइड लगाए जा रहे हैं और जो सामर्थ्यवान या जो ऐन-केन चुनाव जितवा सकें उन्हें उम्मीद वार बनाया जा रहा है और भाजपा के दिग्गज नेता मनमसोस कर चुपचाप बैठ गया है। बलिया में पूर्व प्रधानमंत्री के चंद्र शेखर के पुत्र और आजमगढ में रमाकांत यादव (जो सपा के टिकट पर चुनाव जीते हैं) के पुत्र अरूण कांत यादव (भाजपा के निवर्तमान विधायक) को टिकट दिया गया। जबकि उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार भी नहीं किया था। आजमगढ के दिग्गज भाजपाई नेता तथा पूर्व अध्यक्ष जयनाथ सिंह, सहजानंद राय, राजेश महुवारी जैसे नेताओं को टिकट नहीं मिला। ऐसा ही एक जमाने में कांग्रेस और सपा में भी होता था लेकिन भाजपा कैडर बेस पार्टी कहा जाता था लेकिन अब उसमें भी अब येन -केन जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाने लगा है। सम्पादकीय News 51.in