आजमगढ एक मात्र ऐसा जिला था जहाँ उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव 2017 में मोदी जी के प्रचण्ड लोकप्रियता के समय भी एक मात्र सीट फूलपुर के प्रत्याशी ने भाजपा की जीत दिलाई थी लेकिन यह भी सच है कि वह भाजपा की नहीं बल्कि रमाकांत यादव के पुत्र होने के नाते अरूण कांत यादव की व्यक्तिगत जीत ज्यादा थी। इस बार उनको बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है और उनके स्थान पर 2017 में निषाद पार्टी से चुनाव लड़ चुके रामसूरत राजभर को टिकट दिया गया है। जबकि सपा से रमाकांत यादव स्वयंम चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि उनकी उम्मीदवारी का 2017 में सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके श्याम बहादुर सिंह यादव ने घोर विरोध किया है। कांग्रेस पार्टी ने और बसपा दोनों ने मुस्लिम उम्मीद वार उतारे हैं। यहाँ लगभग 328000 के करीब मतदाता हैं जिनमें लगभग 171400 पुरूष और 156700 महिला मतदाता हैं। जिनमें लगभग 53 हजार अनुसूचित जाति, यादव 75 हजार, मौर्या 6 हजार, राजपूत 9 हजार, मल्लाह बिंद 26 हजार, मुसलमान 41 हजार, 2 हजार राजभर तथा 1 हजार के आसपास भूमिहार हैं। यहाँ यादव उम्मीद वारों का बोलबाला रहा है। चाहें कांग्रेस के रामनरेश यादव रहे हों, श्याम बहादुर यादव, रमाकांत यादव और उनके बेटे अरूण कांत यादव रहे हों। अब देखना यह है कि इस बार बाजी किसके हाथ लगती है। मायावती की पार्टी बसपा काफी कमजोर हो चुकी है लेकिन उसे एक दम खारिज नहीं किया जा सकता है कांग्रेस ने इस बार पूरी सिद्दत और मेहनत के साथ उतरी है उसने महिलाओं और युवाओं को भारी मात्रा में टिकट दिया है। भाजपा ने पिछली बार चुनाव जीते अरूण कांत यादव को टिकट न देकर रामसूरत राजभर को टिकट दिया है। क्रमशः…………