मुम्बई (22 अप्रैल) – कल आईपीएल के हुए दूसरे मैच में चेन्नई सुपर किंग ने कोलकाता नाइट राईडर को 18 रन से हरा कर अपनी लगातार तीसरी जीत दर्ज की बल्कि अंकतालिका में टाप पर पहुंच गई। हालांकि यह जीत टीम के बालिंग साइड में कुछ सवाल भी खड़े करती है वहीं कुछ सकारात्मक बातें चेन्नई की बल्लेबाजी में हुई हैं जैसे अबतक ओपनर ऋतुराज गायकवाड़ के फार्म वापसी की। वहीं धोनी के उपर खेलने की बात हो। मैं बार -बार कह रहा हूं धोनी ने भले ही कम रन बनाये लेकिन पहले मैच की हड़बड़ाहट, जिसमें दूसरी गेंद पर क्रास बल्ला भांजना और बोल्ड होना, दूसरे मैच में कुछ देर विकेट पर रहकर खेलने की अपेक्षा कल रन भले ही रन कम बनाये लेकिन कल उनकी बल्लेबाजी में कान्फीडेंस दिखा। जो लम्बे समय से मैच न खेल पाने की वजह से था लेकिन अब भी कहूंगा कि सुरेश रैना के बाद ही उन्हें आना चाहिए। अब बात शार्दूल ठाकुर की गेंदबाजी की। इतना अंतर्राष्ट्रीय और ढेरों आईपीएल के मैच खेलने के बाद भी उनके बालिंग में न कोई सोच न कोई पैनापन। चारों मैच में अगर देखा जाय तो टीम की सबसे कमजोर नस वही हैं वो बस वाइड गेंदें आफ साईड में फेकने को ही अच्छी गेंदबाजी मानते हैं ऐसा लगता है। उनसे अच्छे तो ब्रावो ही थे भले ही धीमे हैं लेकिन उनकी गेंद विविधता भरी होती है ।जिस समय चेन्नई के गेंदबाजों की धुनाई आंद्रे रसेल और बाद में कमिंस कर रहे थे उस समय शार्दूल ठाकुर विवेक शून्य नजर आ रहे थे वहीं मार खाने के बाद सैम कुर्रन ने लगातार यार्कर लेंथ की गेंदबाजी कर रन रोका, लुंगी नगिदी भी दिमाग से बालिंग करते दिखे उदाहरण सैम कुर्रन की वह गेंद जिसपर आंद्रे रसेल बोल्ड हुए या लुंगी नगिदी की वह गेंद जिसपर दिनेश कार्तिक आऊट हुए। बाकी दीपक चाहर का क्या कहना, जरा सी गेंद स्विंग करती है तो दीपक से शानदार बालर कोई नहीं जडेजा के बारे में क्या कहना “शानदार, अद्वितीय हीरा धोनी का”