आजमगढ -जिले के दो आला अधिकारीयो के बीच अहम का टकराव अपने चरम पर है जिसका प्रभाव कर्मचारीयो पर पड रहा है ।
मामला जिले के मुख्य विकास अधिकारी और जिला विकास अधिकारी के मध्य अधिकारो को लेकर है।जिला विकास अधिकारी द्वारा मिड टर्म मे जिला मुख्यालय मे कार्यरत प्रधान सहायक और वरिष्ठ सहायक पदधारको एवम् कुछ अन्य कर्मीयो का स्थानांतरण बिना मुख्य विकास अधिकारी के अनुमोदन के कर दिया था ।तथा जिले के बाइस विकास खंड के लिए अनुरक्षण मद मे 2018-19 के लिए शासन से कुल 45 लाख आठ हजार रुपए आवंटित किए गए थे ।जिसमे से डीडीओ द्वारा 11 सितम्बर को महराजगंज ब्लाक को 12 लाख रुपए, तरवा और पलहना को 10-10 लाख रुपए, मुहम्मद पुर को 5 लाख रुपये, ठेकमा ब्लाक को तीन लाख रुपये आवंटित किए गए थे ।इन दोनो मामले की जानकारी मुख्य विकास अधिकारी को होने पर उन्होंने डीडीओ द्वारा किए गए मिड टर्म स्थानांतरण और अनुरक्षण मद की धनराशि का बाइस विकास खंडो मे समानुपातिक रूप से आवंटन न किए जाने से तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया और दोनो मामलो मे डीडीओ से स्पष्टीकरण मांगा ।तथा सभी ब्लाक से फिर से अनुरक्षण मद मे, कार्य से संबंधित औचित्य पूरण प्रस्ताव और धनराशि की मांग मय प्राक्कलन एक सप्ताह के अंदर डीडीओ को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया ।तथा पूर्व मे आवंटित धनराशि के आहरण पर रोक लगा दी ।
बताया जाता है कि अपने स्पष्टीकरण मे डीडीओ ने कहा कि उनके स्तर से कार्य हित मे किये गये पटल परिवर्तन एवं अनुभागो मे पदस्थापन को मुख्य सचिव स्तर से सरकारी अधिकारीयो एवम् कर्मचारीयो की वार्षिक स्थानांतरण नीति विषयक निर्गत शासनादेश 29 मार्च के प्रस्तर नौ के आधार पर स्थानांतरण आदेश मानते हुए तात्कालिक प्रभाव से निष्प्रभावी किया गया है । जबकि कार्य हित मे पटल परिवर्तन एवम अनुभागो मे रिक्त पदो के सापेक्ष कर्मचारीयो की व्यवस्था प्रदान की गई है ।यह स्थानांतरण प्रक्रिया से आच्छादित नही है । इस लिए शासनादेश के प्रस्तर 9 के उल्लंघन का प्रश्न ही नही है क्यो कि सम्बन्धित कार्मिको का वेतन उनके स्तर ही पूर्व वत आहरित किया जाएगा।समय-समय पर निर्गत सिद्धांत के अनुसार संवेदनशील पदो एवम महत्वपूर्ण पटल पर कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए पटल परिवर्तन कार्यालया अध्यक्ष द्वारा अपरिहार्य हो जाता है।इसके पूर्व भी स्थानांतरण नीति के अनुपालन मे सक्षम स्तर से पूर्वानुमोदन प्राप्त करने के उपरांत ही स्थानांतरण आदेश निर्गत किया गया है।इस प्रकार पटल परिवर्तन तथा रिक्त पदो पर स्थापित किया जाना शासनादेश का उल्लंघन नही है
अपना स्पष्टीकरण देने के साथ ही डीडीओ ने सम्बंधित स्थानांतरित कर्मचारीयो को निर्देशित किया है कि वे पूर्व के आदेश का 29 अक्टूबर तक यदि अनुपालन नही करेगे तो उनके अक्टूबर माह का वेतन रोके जाने सम्बन्धित अग्रिम कार्यवाही प्रारम्भ कर दी जाएगी ।
डीडीओ श्री रविशंकर राय के इस निर्देश के बाद कर्मचारीयो की समझ मे नही आ रहा है कि वे किसके आदेश का पालन करे । देखिए आगे क्या समस्या का हल निकलता है।