नयी दिल्ली- काग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी चुपचाप ही सही ,लेकिन कोई कसर बाकी न रह जाए,इसका ध्यान रखते हुए कर रही है ।
कांग्रेस की चुनावी लड़ाई के लिए सबसे बड़ी समस्या काग्रेस का आर्थिक संकट है ।कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अहमद पटेल को पार्टी का कोषाध्यक्ष बना कर इसकी पहल भी कर दी है ।अब तक पार्टी के कोषाध्यक्ष नेहरू गांधी परिवार के सबसे वफादारो मे एक मोतीलाल बोरा थे जिसे उन्होंने अब तक सफलता पूर्वक संभाला भी ।किन्तु उम्र उनके आड़े आ रही थी ।वर्तमान समय मे अहमद पटेल से श्रेष्ठ और योग्य नेता कोषाध्यक्ष के लिए काग्रेस मे कोई हो भी नही सकता ।मोती लाल बोरा को उनकी उम्र और निष्ठा को देखते हुएअब महासचिव के रूप मे काग्रेस मुख्यालय के प्रशासन की जिम्मेदारी देखेंगे।मीरा कुमार को महिला और दलित होने के कारण कार्य समिति मे शामिल किया गया है संशाधनो की कमी से जूझ रही काग्रेस के लिए अहमद पटेल की नियुक्ति बेहद अहम है ।
इसी प्रकार लोकसभा के चुनाव के पहले मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ मे विधानसभा सभा चुनाव मे हालांकि लगता है कि कांग्रेस अच्छी स्थिति मे है लेकिन राहुल गांधी कोई कोताही नही बरतना चाहते है ।इसी लिए अन्दर खाने बसपा सुप्रीमो मायावती से तालमेल के लिए अपने खास सहयोगीयो को लगाया है ।बसपा उन तीनो राज्यो मे बहुत मजबूत नही है लेकिन कांग्रेस के लिए उसके कुछ प्रतिशत वोट बेहद अहम होगे।राहुल गांधी भी जानते है कि अगर इन तीनो राज्यो मे वह भाजपा को हराने मे कामयाब हुए तो काग्रेस के लिए एक मोमेंटम बन सकता है ।मध्यप्रदेश मे ज्योतिराराजे सिंधिया, कमल नाथ को आगे कर,राजस्थान मे सचिन पायलट और अशोक गहलोत को आगे कर तथा छत्तीसगढ का प्रभारी पीएल पुनिया को बना कर, जो अनुसूचित जाति से आते हैं, काग्रेस ने तैयारी प्रारंभ कर दी है ।पुनिया छत्तीसगढ का प्रभारी बनते ही छत्तीसगढ के दौरे पर गए थे वहा ऐसे पुराने कांग्रेसी कार्यकर्ताओ से मुलाकात की जो निराश होकर या उपेक्षा से दुखी होकर घर बैठ गए थे, मुलाकात की ।विद्या चरण शुक्ला की मृत्यु के बाद उनका परिवार निष्क्रिय था, मिलेथे।
अब देखना दिलचस्प होगा कि काग्रेस की चुनावी कसरत कितना कामयाब होती है ।
।। ।। ।।।।। सम्पादकीय