आखिरकार 13 वर्षों के लम्बे अंतराल के बाद रोहित शर्मा की अगुवाई में भारतीय टीम ने पहली बार विश्व कप के फाईनल में अपने उपर लगे चोकर के दाग को हटाते हुए बिना एक भी मैच हारे फाईनल में प्रवेश किया था , को सात रन से हराते हुए टी-20 का विश्वकप दूसरी बार (50 ओवर के मैचों के विश्व कप को मिलाकर चौथी बार) जीत लिया। न ई पीढी के नौजवानो के लिए यह सुखद अवसर था जीत के बाद भारतीय खिलाडि़यों के साथ सारे भारतीयों की आंखें खुशी से छलक पडी़ । क ई खिलाडी़ और भारतीय दर्शक खुशी से रोते नजर आये । भारत ने पहले टास जीतकर बल्लेबाजी चुनी जहां पूरे टूर्नामेंट मे प्रचंड फार्म में चल रहे कप्तान रोहित शर्मा दूसरे ही ओवर में लगे स्पिनर केशव महराज की गेंद पर कप्तान पर दो चौके मारने के बाद हेनरी क्लासेन द्वारा कैच आऊट हो गये वहीं प्रमोट कर भेजे गये ऋषभ पंत भी बल्ले का टाप एज दे बैठे जिसे विकेट कीपर क्विंटन डिकाक ने लपक लिया और फिर सूर्यकुमार भी मात्र 3 रन बनाकर लेग साइड की बाउंर्ड्री पर कैच दे बैठे । 3 विकेट गिरने पर पूरे टूर्नामेंट में पहली बार अपने स्वभाव के विपरीत धीमें खेलते हुए विकेट पर टिके रहे उधर प्रोन्नत कर हार्दिक पांड्या, शिवम दूबे और अजय जडेजा के उपर भेजे गये अक्षर पटेल ने तेज गति से मात्र 31 गेंद पर 47 रन एक चौका और चार छक्के मारे दुर्भाग्य से एक रन चुराने के चक्कर में क्विंटन।डिकाक की गेंद पर रन आऊट होगये । फिर 50 रन पूरा करने के बाद विराट कोहली ने भी शिवम दूबे के साथ रन गति तेज कर दी ।विराट कोहली ने 59 गेंदो पर 76 रन दो छक्के और छह चौके मार कर कैच आऊट हो गये वहीं शिवम दूबे ने भी 16 गेंद पर 27 रन 3 चौके और एक छक्का के साथ बनाया , हार्दिक पांड्या 5 रन पर नाबाद रहे । भारतीय टीम ने 20 ओवर मेंँ 176 रन बनाये ।जबाब में भारत एक समय 26 गेंद पर 52 रन दक्षिण अफ्रीका को चाहिये था और भारतजीतता लग रहा था लेकिन अक्षर पटेल के 15 वेंओवर में क्लासेन ने 24 रन।बना डाले जिसमेंं दो चौके और 2 छक्के मारे और फिर ऐसा लगा कि दक्षिण अफ्रीका मैच जीत लेगा लेकिन 16 वां ओवर लेकर आये हार्दिक पांड्या की पहली विइड गेंद पर क्लासेन में दौडा़कर मारना चाहा और गेंद बल्ले को चूमते विकेट कीपर पंत के दस्ताने में समा गयी साथ ही मैच भी भारत की मुट्ठी में आ गया फिर 17 वें ओवर।में येनसन को बुमराह ने बोल्ड मारा और इस ओवर में मात्र दो रन दिये ।आखिरी दो ओवर में दक्षिण अफ्रीका को 20 रन चाहिये थे 19 वें ओवर में अर्शदीप सिंह ने मात्र 4 रन दिये 20 वां ओवर हार्दिक पाड्या ने फेंका इस ओवर की पहली हीगेंद पर मिलर ने छक्का मारना चाहा लेकिन बाउंड्री पर सूर्य कुमार ने गेंद को कैच कर बाउंड्री के बाहर जाते – जाते गेंद को अंदर उछाल दिया फिर अंदर आकर बेमिसाल और असाधारण कैच लेलिया फिर तो समय की बात थी इस ओवर में 7 रन बने और आखिरी बाल फेंके जाते ही सारे भारतीय खिलाडी़ और दर्शक खुशी से झूम उठे भारत 7 रन से मैच जीत कर विश्व चैम्पियन बन चुका था और कप्तान रोहित शर्मा कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी जैसे कप्तानों की महानतम श्रेणी में आगये । सम्पादकीय- News51.in