एक कर्नाटक के उप मुख्य मंत्री डी.के. शिव कुमार ने कांग्रेस के तमाम नेताओं को जो कुर्सी से चिपके रहना चाहते हैं और उनको हटाने की बात करते ही पार्टी छोड़ने की धमकी तक दे देते हैं ,को आईना दिखाते हुए मुख्य मंत्री पद को केवल इसलिए ठुकरा दिया ताकि पार्टी नेतृत्व को शर्मसार न होना पड़े और कांग्रेस के विधायकों में फूट न पड़ जाय। दरअसल पार्टी नेतृत्व ने सिद्धारमैया को जब मुख्य मंत्री पद दिया गया था,तब पार्टी नेतृत्व ने ढाई-ढाई साल का फार्मूला मुख्य मंत्री पद के लिए तयं किया था यानि ढाई साल के बाद डी.के. शिव कुमार को मुख्य मंत्री बनना था, लेकिन ढाई साल पूरा होने पर मुख्य मंत्री सिद्धा रमैया ने पद छोड़ने से इंकार कर दिया, जैसा कि कांग्रेसी नेता करते रहते हैं पूर्व में राजस्थान में अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने मिलकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को नहीं बनने दिया था,कमजोर राहुल गांधी न कमलनाथ को हटा पाये थे, नतीजतन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ विधायकों के साथ भाजपा ज्वाइन कर सरकार गिरा दी थी और तब से आजतक फिर दोबारा मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं बन पाई यही गलती राहुल गांधी ने सचिन पायलट की मेहनत को दरकिनार करते हुए अशोक गहलोत को मुख्य मंत्री बना दिया और कमजोर राहुल गांधी बाद में सचिन पायलट के बगावत के बाद भी वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे के चार दिन राजस्थान में रूकने के बाद भी तत्कालीन मुख्य मंत्री अशोक गहलोत न तो मल्लिकार्जुन खरगे से मिले और न ही मुख्य मंत्री पद छोड़ा, वह तो किसी तरह उस समय सरकार बच गई, लेकिन विधान सभा चुनाव में हार गई, काश उस समय सचिन पायलट को मुख्य मंत्री बना दिया गया होता तो शायद दोबारा चुनाव बाद भी कांग्रेस की सरकार बनी रहती। यही स्थिति कर्नाटक में भी आ गई जब शिव कुमार समर्थक विधायक दिल्ली कांग्रेस नेतृत्व के पास सिद्धारमैया को ढाई साल पूरा होने पर पहुंच गए और जब पार्टी नेतृत्व ने जब सिद्धारमैया को ढाई साल बाद पद छोड़ने को कहा तो सिद्धा रमैया ने सीधे इंकार कर दिया, तब डी.के. शिव कुमार ने पार्टी को टूटने से बचाने और हाईकमान को असमंजस से बचाने के लिए डी.के. शिव कुमार ने कहा मेरा कोई गुट नहीं है,सभी 140 विधायक मेरे हैं और सिद्धा रमैया को उन्होने शुभ कामनाएं भी दी , इस तरह पार्टी को टूटने से उन्होने बचा लिया, लेकिन राहुल गांधी को भी यह गांठ बांध लेनी चाहिए कि किसी को बिना ताकत के वादा नहीं करना चाहिए क्योंकि उनकी पार्टी के नेता पद पाने के लिए किसी को भी आंख दिखा सकते हैं, डी. के. शिव कुमार जैसा हजारों कांग्रेस में शायद एकाध ही हो-सम्पादकीय-News51.in
