रांची. झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर हो रहे चुनाव को लेकर अब सियासी बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी के स्टार प्रचारक जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी पर सवालों की बौछार कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी दो सभाओं में परिवारवाद और भ्रष्टाचार को लेकर हेमंत सोरेन और राहुल गांधी को जमकर घेर चुके हैं. देश के गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी इंडिया गठबंधन के नेताओं पर कई तरह के आरोप लगा रहे हैं. लेकिन, बीजेपी नेताओं के इस प्रहार का जवाब अभी तक इंडिया गठबंधन की तरफ से नहीं मिल रहा है. क्योंकि, कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की अभी तक झारखंड में एक भी सभा नहीं हुई है.
कांग्रेसी कार्यकर्ता भी राहुल और प्रियंका के चुनाव प्रचार नहीं करने से मायूस नजर आने लगे हैं. हालांकि, प्रियंका गांधी का झारखंड में सभा करने की सारी संभावनाएं लगभग खत्म हो चुकी हैं, क्योंकि वह खुद भी वायनाड लोकसभा का उपचुनाव लड़ रही हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी अभी कुछ दिन पहले वायनाड में ही थे. लेकिन, राहुल जब प्रियंका गांधी के लिए प्रचार कर सकते हैं तो झारखंड चुनाव से दूरी कई सवाल खड़े कर रहे हैं.
बीजेपी के सवाल पर कांग्रेस का आ गया जवाब
कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का नाम होने के बावजूद अभी तक चुनाव प्रचार में नहीं आने पर बीजेपी ने चुटकी लेना शुरू कर दिया है. झारखंड बीजेपी प्रभारी और असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, ‘मैंने झारखण्ड के लिए कांग्रेस के प्रचारकों की सूची देखी. राहुल गांधी से लेकर प्रियंका गांधी तक एक भी शीर्ष नेता झारखण्ड में प्रचार नहीं कर रहे हैं. लेकिन,कांग्रेस के जितने भी स्टार प्रचारकों के नाम हैं कोई झारखंड नहीं आ रहा है. उन सबों को पता है कि कोई अच्छा सभा होगा ही नहीं । दर असल राहुल गांधी पहली बार ऐसी गलती नहीं कर रहे हैं हरियाणा चुनाव में टिकट बंटवारे के समय जब राहुल की सबसे ज्यादा जरूरत थी तो नान सिरियस नेता सैम पित्रोदा जैसे जनाधार हीन नेता के बुलावे पर अमेरिका चले गये वहां दिये गये भाषण पर राहुल गांधी की कांग्रेस को कितने वोट हरियाणा में मिले उसे वही बता सकते हैं लेकिन यह सत्य है कि उनकी अनुपस्थिति में उनके सलाहकारों की चांदी हो गयी और के वेणुगोपाल ने अपनी मर्जी के 5 जनाधार हीन नेताओं को पैसे लेकर टिकट दिलवाये ।आम आदमी पार्टी से राहुल गांधी के कहकर जाने के बाद भी तालमेल नहीं किया गया, वहीं अखिलेस यादव की 2 टिकट मांगे जाने को यह कह कर दीपेंद्र हुड्डा ने मना कर दिया कि सपा का यहां कोई जनाधार नहीं है, नतीजा यादव लैंड में सारी सीट भाजपा ले गयी और कयी जगह आम आदमी पार्टी ने कयी सीटों पर कांग्रेस के लोगों को 2000 हजार वोटों के अंदर हरवाया । अब यही गलती राहुल गांधी महाराष्ट्र और झारखंड में दोहरा रहे हैं। जहां अब तक भाजपा के शीर्ष नेता झारखंड और महाराष्ट्र में क ई रैलियां कर चुके हैं।वहीं राहुल गांधी अभी तक न तो महाराष्ट्र और न ही झारखंड में एक भी रैली कर सके हैं दो दिन 3-4 नवम्बर को वायनाड अपनी बहन प्रियंका गांधी के चुनाव प्रचार के लिये गये थे जबकि सभी को मालूम है कि वहां प्रियंका गांधी स्वयं वायनाड मे चुनाव जीत रही हैं। यही दो दिन झारखंड में 5-6 रैली कर लिये होते । 5 अक्टूबर को रायबरेली मे जिला योजना की बैठक में स्वयं पहुंच गये और शाम को तेलंगाना में पिछडा़ वर्ग सम्मेलन में पहुंच गये । राय बरेली की जिला स्तरीय बैठक में अपने किसी प्रतिनिधि को भेज देते। साधारण संसद सदस्य भी अपने प्रतिनिधी को भेज देता है और इस समय तो उनकी जरूरत झारखंड और महाराष्ट्र में ज्यादा थी सुना है आज 6 नवम्बर से महाराष्ट्र दौरे पर जा रहे हैं , शुक्र है अब देखना है झारखंड में कब से शुरुवात रैली की होती है, मुझे लगता है जबतक केसी वेणुगोपाल और सूरजेवाला, दिग्विजय सिंह ,अशोक गहलौत और कुमारी सैलजा जैसी जनाधार हीन , चाटुकार नेताओं को अपने पास से हटा कर जनाधार वाले नेताओं जैसे सचिन पायलेट, डी शिव कुमार और हिमांचल के इमानदार और कांग्रेस की चिंता करने वाले नेता राहुल गांधी अपने साथ नहीं जोडे़गे और अपने-अपने गुट की चिंता करने वाले नेताओं से पीछा नहीं छुडा़येंगे और। राहुल गांधी ऐसी गलतियों से छुटकारा नहीं पा लेते तबतक भाजपा जैसी पार्टी ( जो हर समय चुनावी मूड में रहती है) से पार पाना लगभग असंम्भव है ।सम्पादकीय-News51.in