Sunday, December 22, 2024
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यूपी में खस्ताहाल कांग्रेस में जान फूंकने की प्रियंका गांधी की कोशिश की एक समीक्षा

लखनऊ – अंततः काफी समय से की जा रही प्रतीक्षा उत्तर प्रदेश कांग्रेस संगठन में बदलाव हो ही गया यह बदलाव काफी माथा -पच्ची के बाद क ई महीनों के सोच विचार और यूपी के दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के गुटों नाराजगी के डर को दरकिनार करने की हिम्मत जुटाने के बाद हुआ है। इस बदलाव में महासचिव प्रियंका गांधी की छाप भी नज़र आती है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की असफलता के बाद राजबब्बर ने जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था। किन्तु बड़े नेताओं के डर से महीनों नये कांग्रेस के संगठन का खाका तैयार नहीं हो पा रहा था। इस बीच कांग्रेस के कुछ बड़े दिग्गज नेताओं ने कांग्रेस को अलविदा कहा। जैसे संजय सिंह और कुछ अमेठी और रायबरेली और आसपास के जिले के नेता। लोगों ने इसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका बताया किन्तु मेरे विचार में यह अच्छा ही हुआ। नये और सक्रिय, सड़क पर लडने वाले जुझारू कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने का रास्ता मिला। हाल के महीनों में प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश अपने नेताओं को अपने -अपने जिलों में क ई मामलों को लेकर धरना प्रदर्शन करने का आह्वान किया और उनकी समीक्षा के बाद उनके समझ में आ गया कि जो कांग्रेस धरातल पर आ चुकी है उसे जुझारू कार्यकर्ताओं को आगे किये बिना पटरी पर लाना मुश्किल है वह भी कुछ धरना प्रदर्शन में शामिल हुई और योगी सरकार पर दबाव बनाने में कामयाबी मिली। अंततः बड़े नेताओं और उनके गुट के परवाह किए बिना कांग्रेस के नए संगठन का एलान किया गया। हर धरना प्रदर्शन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले पिछडे वर्ग से आने वाले कुशीनगर के तमकुईराज विधानसभा से मोदी आंधी में भी जीतने वाले अजय कुमार लल्लू को राजबब्बर की जगह अध्यक्ष बनाया गया। और कांग्रेस के सबसे मजबूत और गांधी नेहरु परिवार के विश्वास पात्र ब्राम्हण नेता प्रमोदतिवारी की पुत्री आराधना मिश्र मोना को अजय कुमार के स्थान पर कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाया गया। चार उपाध्यक्ष, 12 महासचिव और 24 सचिव बनाए गये। 18 सदस्यों का सलाहकार परिषद का गठन किया गया है 8 सदस्यों की वर्किंग कमेटी भी बनाई गई है वर्किंग कमेटी में जितिन प्रसाद, आर. के चौधरी, राजीव शुक्ला, इमरान मसूद, प्रदीप जैन आदित्य, राजाराम पाल, ब्रजलाल खावरी,राजकिशोर सिंह जैसे बड़े नेताओं को रखा गया है। उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी (संगठन पूर्व), पंकज मलिक(संगठन पश्चिम), ललितेश त्रिपाठी (फ्रटंल संगठन, सेल और एन एस यू आई, ओबीसी, किसान और महिला), दीपक कुमार (फ्रंटल संगठन सेल, सेवादल, एस सी/एस टी और अल्पसंख्यक) ,इसी प्रकार सलाहकार परिषद में प्रियंका गांधी के खास अजय राय, अजय कपूर, मोहसिना किदव ई, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, निर्मल खत्री, प्रदीप माथुर, प्रमोद तिवारी, प्रवीण एरोन, पीएल पुनिया, आरपीएन सिंह, रंजीत सिंह जूदेव, राजेश मिश्र, राशिद अल्वी, सलमान खुर्शीद, विवेक बंसल, संजय कपूर और जफर अली नकवी हैं। सलाहकार परिषद में कांग्रेस के वरिष्ठ और दिग्गज नेता हैं। किंतु क्या मात्र संगठन में परिवर्तन से ही कांग्रेस उठ खड़ी होगी।शायद इसका उत्तर हां भी हो सकता है और ना भी।

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