यूपी में निकाय चुनाव सम्पन्न हो गये । पहली बार सभी दलों के बडे़ नेताओं ने पूरे यूपी में घूम-घूम कर निकाय चुनावों में वोट मांगे अब उनकी स्थिति देख लीजिए।मात्र मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की लाज बची ,भाजपा को 31.22,और निर्दलियों को 33ं.75 प्रतिशत वोट मिले। अन्य विपक्षी दलों में सपा को 24.94 ,बसपा को 8.81और कांग्रेस को मात्र 4.90, आम आदमी पार्टी को1.63, एआईएम आई एम 1.62, राष्ट्रीय लोकदल को 1.40 सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी 0.19 प्रतिशत मत मिले।समाजवादी पार्टी इतने ताम-झाम के बाद भी न केवल बुरी तरह पिटी बल्कि उनके मुस्लिम वोटों में बसपा और कांग्रेस ने भी सेंधमारी कीऔर कहीं-कहीं ओवैसी की पार्टी ने भी वोट काटे।सपा, बसपा ने भाजपा पर सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग का आरोप भी लगाया।हो सकता हैथोडा़ बहुत सही हो, लेकिन कुल मिला कर चुनाव आमतौर पर शांतिपूर्वक निपटे।सपा,बसपा और कांग्रेस तीनों के वोट प्रतिशत जोड़कर भाजपा से कम रहे।मायावती का ज्यादा जोर भाजपा से ज्यादा जोर सपा और कांग्रेस को हराने पर रहा। इस चुनाव से इतना तो स्पष्ट है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा से टक्कर लेने के लिए उसे कांग्रेस से हाथ मिलाना ही होगा अन्यथा यूपी में कहीं 5 -6 लोकसभा सीटें भी बडी़ मुश्किल से सपा को और दो सीट पर जयंत चौधरी भी सिमट जायं। बसपा तो सपा और कांग्रेस के साथ सम्भवतः न आये।