लखन ऊ(26 जुलाई) -अभी तक अखिलेश यादव की पार्टी से गठबंधन टूटने की स्थिति पर बसपा को पहली प्राथमिकता देने वाले ओपी राजभर को गठबंधन की बात पर बसपा के राष्ट्रीय को-आर्डीनेटर और मायावती के भतीजे आकाश आनन्द ने खरी- खोटी सुनाते हुए उन्हें स्वार्थी और अवसरवादी बताया है साफ है बसपा ने ओपी राजभर से गठबंधन को नकार दिया है। अब ओपी राजभर अपनी पार्टी का गठबंधन भाजपा से करने के जुगाड़ में लग गए हैं। वैसे तो ऐसे दल और उनके प्रधान, जो को जाति, धर्म और मौका परस्ती की राजनीति करते हैं और अपनी बारादरी के लोगों को अपना बंधुवा समझते हैं और जिनकी कोई विचार धारा नहीं होती है उनके साथ किसी पार्टी को गठबंधन नहीं करना चाहिए तथा जनता और उनकी जाति- धर्म के वोटरों को भी उन्हें अपना मत न देकर सबक सिखाना चाहिए, यह बता देना चाहिए कि हम जिस देश के हैं वहां जाति- धर्म की कोई जरुरत नहीं है ऐसे नेता ही स्वंयम नेता बिरादरी को बदनाम करते हैं और ऐसे ही नेताओं के कारण नेताओं और पार्टियों की शाख और विश्वसनीयता जनता की नजर में खराब होती है।