लखन ऊ(15 जुलाई) – पालतू पिटबुल,( जिसका प्यार का नाम भूरा रंग का होने के कारण ब्राउनी रखा गया था) के हमले से हुई मां की मौत के बाद उदास और गमगीन अमित त्रिपाठी को अब भी भरोसा नहीं हो रहा है कि ब्राउनी ने मां को मारा होगा, उनके दिल में अब भी ब्राउनी के लिए बेहद प्यार है इसीलिए नगर निगम की टीम जब ब्राउनी को लेने पहुंची तो अमित ने उसे देने से इनकार कर दिया था बाद में पशु कल्याण अधिकारी डा. अभिनव वर्मा के समझाने पर इस शर्त के साथ देने को तैयार हुआ कि उसे जाल फेंक कर नहीं पकड़ा जाएगा और वह खुद अपनी गोद में लेकर गाड़ी तक आये और भीड़ देखकर भड़कने के डर से उसकी आंखों को रूमाल से ढंक दिया गाड़ी में बैठा कर उसे पीछे जाने को कहा उसके पीछे जाते ही गाड़ी में लगा पिंजरे का दरवाजा बंद हो गया। ब्राउनी को जरहरा में बने ऐबीजे सेंटर में रखकर उसके बर्ताव की निगरानी की जाएगी अमित जब चाहेंगे उन्हें ब्राउनी से मिलने दिया जाएगा। ब्राउनी को जब अमित घर लाए थे तब वह मात्र तीन माह का था , तभी से वह अमित की मां के साथ खेलता था वही उसको खाना भी खिलाती थी अब ऐबीजे सेंटर में ही 15 दिन बाद ब्राउनी की नसबंदी की जाएगी। ब्राउनी के जाने के बाद अब बंगाली टोला के लोगों ने राहत की सांस ली है। मोहल्ले की महिलाऐं और बच्चे सभी डरे हुए थे।
मां के जाने का गम तो है, लेकिन पिटबुल (ब्राऊनी) से अब भी है बेइंतहा प्यार
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