Monday, December 23, 2024
होमराजनीतिमध्य प्रदेश -निकाय चुनाव का असर विधान सभा चुनाव में पड़ना तय...

मध्य प्रदेश -निकाय चुनाव का असर विधान सभा चुनाव में पड़ना तय है, शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ ने इसीलिए अपनी पूरी ताकत झोंकी

मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है जिसकी सीमाएँ राजस्थान, छत्तीस गढ और महाराष्ट्र को छूती हैं और फिर मध्य प्रदेश में 13 महीने मुख्य मंत्री रहे कमलनाथ अपने 13 महीने के कार्य काल की प्रशंसा करते हुए लोगों को बताते हुए शिवराज सिंह चौहान के 18 सालों से करते हुए उन्हें फेल्योर बताते हैं दोनों ही पार्टी भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मध्य प्रदेश में मुख्य लड़ाई चलती है और होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव के लिए दोनों दलों ने अपनी -अपनी पूरी ताकत शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ के नेतृत्व में झोंक दी है कमलनाथ के लिए शायद आने वाला विधानसभा चुनाव करो या मरो वाली स्थिति है और यह निकाय चुनाव से ही इसी वर्ष के अंत में होने वाले मध्य प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनावों पर निर्णायक असर डालने वाला है यह तय है यही कारण है कि दोनों दल निकाय चुनाव में जीत के लिए एड़ी चोटी लगाऐ हुए हैं ।चूंकि ये चुनाव दलगत आधार पर लड़े जाते हैं जिससे चुनाव लड़ने वाले दलों को अंदाजा हो जाता है कि वे कितने पानी में हैं इसीलिए दोनों दलों के प्रचार की कमान स्वयं वर्तमान मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सम्भाल रखी है और ये दोनों नेता राज्य के चप्पे-चप्पे पर जनसभाएं और रोडशो आदि करके मतदाताओं को अपने -अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रहे हैं मगर सबसे आश्चर्यजनक यह है कि इंदौर से लेकर भोपाल और उज्जैन आदि बड़े शहरों में भ्रष्टाचार एक सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है और इसके साथ ही शहरी विकास से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की दुर्दशा के मुद्दे मुख्य बने हुए हैं। और इन मुद्दों पर शिवराज सिंह चौहान को जबाब देते नहीं बन रहा है क्योंकि कमलनाथ के 13 कार्यकाल को छोड़कर 18 साल में कुछ समय छोड़ बाकी समय वही मुख्य मंत्री रहे हैं। भाजपा आलाकमान की पैनी निगाह इन चुनावों पर लगी है क्योंकि इसीवर्ष के अंत में हिमांचल और गुजरात में विधान सभा चुनाव होने जा रहा है ।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments