मानना होगा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को और उनके मंत्रिमंडल विस्तार को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का हर कदम, उनकी सोच, समय से आगे सोचने की क्षमता, अप्रत्याशित निर्णय लेने की क्षमता ।उनकी समय से पहले सचेत होने की क्षमता इस बार मंत्रिमंडल विस्तार में स्पष्ट दिखाई दे रही है। जिन 12 मंत्रियों ने इस्तीफा दिया है वे हैं थावरचंद गहलौत, हर्षवर्धन, रवि शंकर प्रसाद, रमेश पोखरियाल निःशंक, प्रकाश जावडेकर, डीवी सदानंद गौड़ा, संतोष गंगवार, संतोष घोत्रे, देबाश्री चौधरी, रतन लाल कटारिया, बाबुल सुप्रियो और प्रताप चंद षाडगी इस विस्तार में कुल नये 36 मंत्रियों ने शपथ ली। जिनमें 28 राज्य मंत्री बनाये गये हैं 7 सात राज्य मंत्रियों को उनके काम के आधार पर प्रोन्नति दी गई है 15 नये कैबिनेट मंत्री बनाये गये हैं। ज्योति रादित्य सिंधिया भाजपा सरकार में पहली बार शामिल हुए हैं उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को कैबिनेट मंत्री बना कर संतुष्ट किया गया है। ओबीसी, अनुसूचित जाति और जनजाति को मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल किया गया है पहले की अपेक्षा मंत्रिमंडल कुछ ज्यादा ही नौजवान हुआ है जिन तपे तपाए मंत्रियों को हटाया गया है अभी उनके राज्य में अभी लगभग दो साल तक कोई चुनाव नहीं है। विशेष ध्यान उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात और आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर राज्यों पर दिया गया है।