प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की संसद में कांग्रेस पर की गई चोट ने और ममता बनर्जी की महत्वकांक्षा ने शायद कांग्रेस आला कमान को नींद से जगा दिया है तभी तो कांग्रेस ने 5 राज्यों में होने वाले चुनाव के दौरान ही अपने किलों को मजबूत करने के साथ ही अन्य राज्यों में भी अपने को मजबूत करने की कोशिश शुरू कर दिया है। आर पी एन सिंह जो झारखंड के प्रभारी भी थे, के कांग्रेस छोड़ते ही उनके पक्ष के नेताओं पर नये बनाए गये झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे और झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर के साथ संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के मध्य हुई बैठक के बाद पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सभी विधायकों से स्वयंम मुलाकात कर उनकी परेशानियों और समस्याओं को दूर करने का मन बना लिया है। इसी प्रकार पूर्वोत्तर राज्यों में अपने को मजबूत करने का खाका तैयार कर 34 साल से त्रिपुरा में प्रभारी बनाए गये बेहद ऊर्जावान डा. अजय कुमार की सक्रियता से भाजपा के नाराज विधायकों को दिल्ली में स्वयंम राहुल गांधी ने मुलाकात की और दोनों विधायकों को कांग्रेस में शामिल कर लिया। ये दोनों विधायक सुदीप राय बर्मन और उनके साथी विधायक आशीष कुमार साहा, जिन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर विधायकी से भी इस्तीफा दे दिया है इनमें सुदीप राय बर्मन भाजपा को त्रिपुरा में सत्ता दिलाने में प्रमुख थे।पत्रकार वार्ता में दोनों विधायकों ने दावा किया है कि अभी क ई विधायक भाजपा छोड़ने को तैयार बैठे हैं हम अभी अपने लोगों के साथ पूरे प्रदेश का दौरा कर रहे हैं अब भाजपा विधायकों की संख्या 33 रह गयी है 60 सदस्यों वाली विधान सभा में, जबकि भाजपा के कुल 36 विधायक चुनाव जीते थे। इसे ममता बनर्जी के त्रिपुरा में बढते कदम को रोककर कांग्रेस को वहाँ फिर से पार्टी को सत्ता संघर्ष की दौड़ आगे लाना है वहां 2023 में विधान सभा चुनाव होने हैं