कर्नाटक चुनाव के दरम्यान ही प्रियंका गांधी ने तेलंगाना में एक विशाल रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि सोनियां जी ने जिस ध्येय से तेलंगाना राज्य की स्थापना की थी वह तेलंगाना की वर्तमान सरकार के नकारापन के कारण बेकार जा रही है प्रदेश के नौजवानों की बेरोजगारी,महिलाओं के उत्थान ,किसानों की समस्याओं के लिए इस सरकार ने नहीं उठाया। हम सत्ता में आए तो यहां के लोगों के विकास के लिए कदम उठाएंगे साथ ही क ई वादे भी किए।इस रैली में भारी भीड़ उमडी़ थी। तबसे बीआर एस में सत्ता हाथ से जाने के डर से तेलंगाना में घबराहट मची हुई है उधर वहां के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी की लगातार पदयात्रा ने पहले से ही तेलंगाना बीआर एस में व्याकुलता है इससे पहले कांग्रेस ने इतना जोर तेलंगाना में नहीं लगाया था।पिछले 2018 के विधान सभा चुनाव में टीआर एस को 88 ,कांग्रेस 19,एआईएएम 7, भाजपा को 1 और टीडीपी को 2 सीट मिली थी।टीआर एस को 46.9,कांग्रेस को28.4, एआईएम आईएम को2.5, टीडीपी को 3.5 और भाजपा को7.1 प्रतिशत वोट मिले थे । के चंद्रशेखर राव ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से अति आत्म विश्वास से बचने की सलाह दी है और अपनी पार्टी के महाराष्ट्र चुनाव में भी उतरने की बात कही है उधर सूत्रो के अनुसार तेलंगाना के भाजपा नेताओं में भी दो राय है।एक धडा़ तेलंगाना में हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनाव नहीं लड़ना चाहता है जबकि दूसरा धडा़ हिंदुत्व के मुद्दे को छोड़नै को तैयार नहीं है चूंकि तेलंगाना और कर्नाटक के सटा ही महाराष्ट्र् भी है इसीलिए कांग्रेस कर्नाटक जीत से उत्साहित है।उसे लगता है कि अगर प्रयास किया जाएगा तो तेलंगाना में भी उसकी सरकार बन सकती है लेकिन भाजपा का पूरा प्रयास है कि वहां अगर उसकी सरकार न आए तो चंद्रशेखर राव की ही सरकार बनी रहे, कांग्रेस किसी भी कीमत पर न आने पाए। सम्पादकीय-News51.in