जुबली कुमार का जन्मदिन है आज
” हुस्न वाले तेरा जवाब नही – कोई तुझ सा हजारो में —
सुन्दरता का अपने एक जलवा होता है जब किसी रूपसी की बात चलेगी तो अपने आप ही राजेन्द्र कुमार याद आ जायेगे ऐसे गीतों के साथ ही एक संवेदनशील शायर जो मुहब्बत को इबादत की तरह देखता हो यह कहते हुए
” मेरे महबूब तुझे मेरी मुह्हबत की कसम
फिर मुझे नरगिसी आखो का सहारा दे दे —
मेरा खोया हुआ रंगीन नजरा दे दे
ऐसा अंदाज था आर के तुली का जिन्हें लोगो ने नाम दिया राजेन्द्र कुमार और उसके बाद फ़िल्मी दुनिया ने एक और नया नाम दिया जुबली कुमार |
राजेन्द्रकुमार का जन्म 20 जुलाई 1929 में पाकिसत्न में स्थित सियाल कोट में हुआ था इनकी प्रारम्भिक शिक्षा दीक्षा वही पर हुई उसके बाद वो बम्बई चले आये और यहाँ पर फिल्मो में संघर्ष करने लगे सन 1950 में फिल्म ” जोगन ” में नर्गिस और दिलीप कुमार के साथ इन्हें मौका मिला फिल्म सफल रही इनके अभिनय की भी प्रसंशा हुई उसके बाद इन्होने एच . एस रवेल के साथ बतौर सहायक निर्देशक के रूप में कार्य करने लगे |
इसी बीच इन्हें फिल्म वचन में मौका मिला उसके बाद तो राजेन्द्र कुमार वापस मुड़कर नही देखे फिल्म ” साथी ” कुछ ऐसे बोल पड़ते है ” मेरा प्यार भी तू है बहार भी तू है तू नजरो में जाने तमन्ना राजेन्द्रकुमार महबूब खा की फिल्म मदर इंडिया से अभिनय की बुलन्दियो को छू लिया और उनकी हर फिल्म सिनेमा हाल में जुबली मनाने लगी और उनका एक नया नाम हुआ जुबलीकुमार धुल का फूल – संगम तूफ़ान और दिया के साथ इनकी सारी फिल्मे सिल्वर जुबली मनाती रही है |
राजेन्द्र कुमार ने जहां फिल्मो में रोमांटिक फिल्मे की है वही इन्होने ट्रेजडी किरदारों को निभाया है इनकी हर फिल्मे बाक्स आफिस में कमाल किया |
ये मेरा प्रेम- पत्र पढ़कर कही तुम नाराज न होना
सुनील दत्ता स्वतंत्र पत्रकार व समीक्षक