मुम्बई( 10 अप्रैल) – धोनी की टीम बल्लेबाजों ने 188 रन 20 ओवर में बनाये तो लोगों को लगा कि शायद दिल्ली के लिए मुश्किल होगी लेकिन किसी ने भी चेन्नई के बालरों पर ध्यान नहीं दिया। मुम्बई की पिच पर स्पिनर न तो विकेट ले सकता है न ही रन रोक सकता है। डेवन ब्रावो का मोह धोनी को छोड़ना होगा अन्यथा उनकी भी शाख खतरे में आ सकती है। अभी गनीमत है पहला ही मैच चेन्नई का हुआ है। कितने आलराउंडर आप रखेंगे। इस पिच पर लुंगी नगिदी याबेयरनडार्फ को ब्रावो की जगह क्यों नहीं खिलाया गया, समझ में नहीं आता भले ही ब्रावो ने रन कम दिया और एक विकेट भी लिया लेकिन उनकी गेंद किसी बल्लेबाज को आतंकित नहीं करती। रैना के आने से चेन्नई की बल्लेबाजी सुधरी है रन भी 188 अच्छे बने थे धोनी को भी जल्द से जल्द रन बनाने होंगे और तेजी से रन बनाने होंगे अपने कांफीडेंस को वापस लाना ही होगा और टीम को चार तेज गेंदबाजों के साथ खेलना होगा क्योंकि आज जिस तरह पृथ्वी शा (72रन) और शिखर धवन (85रन)58गेंद ने चेन्न ई के बालरों की धुनाई की उसे आगे रोकना होगा। क्योंकि आगे भी क ई मैच मुम्बई में ही होंगे। स्पिनर में आलराउंडर मोइन और जडेजा ठीक हैं। मैने पहले ही लिखा था कि अब दिल्ली, आरसीबी और पंजाब की टीमों में नये और अच्छे खिलाड़ियों के आने से मुम्बई और चेन्नई का एकाधिकार खतरे में है हमें कल होने वाले हैदराबाद और केकेआर के मैच पर भी नजर रखनी होगी और उनकी ताकत को परखना होगा। सम्पादकीय -News 51.in