6 अप्रैल को पांचवें चरण की कुल 51 सीटों पर मतदान होना है। जिसमें उत्तर प्रदेश की 14 , बिहार की 5 और राजस्थान की अवशेष 12 सीटें भी शामिल है। उत्तर प्रदेश की जिन 14 सीटों पर मतदान होना है वे हैं धौरहरा, सीतापुर, मोहन लाल गंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, बांदा, फतेहपुर, कौशाम्बी, बाराबंकी, फैजाबाद, बहराईच, कैसरगंज, गोंडा है। राजस्थान की कुल 25 सीटों में से 13 सीटों पर चौथे चरण में मतदान हो चुका है शेष 12 सीटों पर कल यानि 6 अप्रैल को मतदान होना है।
आज हम राजस्थान की 25 यानि सभी सीटों पर चुनावी चर्चा करेंगे उसके पहले यह बताना आवश्यक है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में भाजपा को राजस्थान की सभी 25 सीटों पर भाजपा को विजय मिली थी और कांग्रेस का सूपडा साफ हो गया था।
उसके बाद वहां भाजपा ने वसुंधरा राजे सिंधिया को राजस्थान का मुख्य मंत्री बनाया। शुरुआत में सब कुछ सही चल रहा था लेकिन 2 साल बीतते -बीतते वसुंधरा राजे के अनाप -शनाप फैसले और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2014 के चुनाव में किए गए वायदों का पूरा न होना और आवश्यकता से अधिक मोदी से जनता की अपेक्षाएं ,और कांग्रेस द्वारा फिर से खोई जमीन पाने के लगातार प्रयास करने से भाजपा बैकपुट पर आ गई और कांग्रेस की जमीनी मेहनत अशोक गहलौत और सचिन पाइलेट के अथक प्रयासों (खासकर सचिन पाइलेट) की बदौलत कांग्रेस ने राजस्थान के सभी उपचुनावों में विजय हासिल कर भाजपा को अपनी मजबूती का संकेत दे दिया था लेकिन भाजपा मोदी के भाषण देकर बाजी पलटने की क्षमता पर आंखे बंद कर पड़ी रही नतीजा रहा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा से राजस्थान छीन लिया और वहाँ कांग्रेस की सरकार बन गई और अशोक गहलौत मुख्य मंत्री, तथा सचिन पायलट उप मुख्य मंत्री बनाए गए। चुनाव के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने “सरकार बनने के 10 दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफी” के वादे को भी पूरा कर कांग्रेस ने अपने को और मजबूत किया है हालांकि भाजपा भी राष्ट्र वाद के नारे को लेकर लड रही है और भाजपा को कमज़ोर समझना भी गलत होगा लेकिन एक बात तयं है कि भाजपा के लिए 2014 जैसी आदर्श स्थिति कत्तई नहीं है ।
वहाँ गहलौत और सचिन पायलट के लगातार चुनाव प्रचार और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रैलीयों ने जहाँ कांग्रेस को मजबूती दी है वहीं प्रधान मंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के अलावा क्षेत्रीय स्तर पर मात्र वसुंधरा राजे सिंधिया ही भाजपा की प्रमुख नेता हैं।
अगर इस चुनाव में निष्कर्ष की बात की जाय तो निःसन्देह
कांग्रेस की स्थिति बेहतर है हालांकि प्रधान मंत्री मोदी के दौरे के बाद भाजपा की स्थिति में भी काफी सुधार हुआ है और अभी भी काफी लोगों को प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के काम काफी अच्छे लग रहे हैं लेकिन स्वयंम मोदी अपने भाषणों में मात्र राष्ट्रवाद और गांधी नेहरु परिवार पर ही अपने भाषणों को केंद्रित किए हुए हैं ।वहीं कांग्रेस और उनके नेता प्रधान मंत्री मोदी से उनके पांच साल के काम विशेषकर बेरोजगारी, किसानों की समस्याओं और महिला सुरक्षा, जीएसटी, नोटबंदी पर सवाल कर रही है। चुनावी विश्लेषकों और राजस्थान की राजनीति पर पकड रखने वालों, अखबारों और चैनलों के आधार पर यह तय है कि कांग्रेस यहां आधे से अधिक या आधी सीट अवश्य जीत रही है।
उत्तर प्रदेश में पांचवें चरण में 14 सीटों पर मतदान होना है इस प्रकार उत्तर प्रदेश में पांचवें चरण को मिला कर कुल 53 सीटों पर मतदान सम्पन्न हो जाएगा।
सम्पादक की कलम से —