Sunday, December 22, 2024
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घोर कलयुग -सबसे वफादार माना जाने वाले जानवर कुत्ते ने अपनी मालकिन को काट डाला

लखन ऊ(14 जुलाई) – लखन ऊ के कैसरबाग के बंगाली टोला में जिम ट्रेनर अमित को कुत्ते पालने का शौक बहुत भारी पड़ा है उन्होंने अपने घर पर दो खतरनाक प्रजाति के कुत्ते पाल रखे हैं जिनमें एक लेब्राडोर और दूसरा पिटबुल प्रजाति का है अमित मंगलवार को सुबह जिम गया हुआ था। उसकी माँ लगभग 80 वर्षीय सुशीला त्रिपाठी, जो सेवा निवृत्त शिक्षिका थीं, सुबह पांच बजे उनके चीखने- चिल्लाने की आवाज़ मोहल्ले के लोगों ने सुनी तो भाग कर उनके घर पहुंचे किंतु मुख्य द्वार अंदर से बंद था और अंदर पिटबुल प्रजाति के पालतू कुत्ता उन्हें बुरी तरह से काट रहा था। मोहल्ले वाले गेट अंदर से बंद होने के कारण असहाय थे और कुत्ता एक डेढ घंटे तक उन्हें नोचता रहा। क ई जगह मांस नोच डाला था और पेट को फाड़ डाला अंतड़ियां तक निकल आई। पूरे मोहल्ले में सन्नाटा पसरा है और उदासी का माहौल है किसी ने सपने में भी पालतू कुत्ते को अपनी ही मालकिन को काट डालने के बारे में सोचा तक नहीं था। लोगों की जबान पर एक ही बात है, घोर कलयुग है कलयुग में जो न हो जाए। ऐसी घटना पर अफसोस जाहिर करते हुए नगर के नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने लोगों से अपील की है कि खतरनाक प्रजाति के कुत्ते (अमेरिकन पिटबुल, राटविलर, साईबेरियन हस्की, डाबरमैन, पिंसर, बाक्सर) न पालें।और मांसाहारी भोजन देने से बचें। यदि कुत्ते पालना है तो वर्तमान में नगर निगम द्वारा श्वान के अनुझयप्ति (लाईसेंस) नियंत्रण और विनियमन उपविधी 2003 के नियमों का पालन आवश्यक है अन्यथा पांच हज़ार रुपये तक के जुर्माना का प्रावधान है नियमों के मुताबिक श्वान पालक इस तरह श्वान को बांध कर रखेगा कि पड़ोसीयों को कोई दिक्कत न हो। इस घटना को तो पालतू कुत्ता ने अंजाम दिया किंतु सड़क पर टहलने वाले आवारा कुत्ते उनसे क ई गुना ज्यादा खतरनाक होते हैं। राह में पैदल या दो पहिए वाहन वालों पर ये आवारा कुत्ते अक्सर हमलावर हो जाते हैं और काट लेते हैं। एक तरफ नगर निगम तीन साल में 38 हजार आवारा कुत्तों के नसबंदी की बात कह रही है और अबतक इस नसबंदी अभियान में 3.79 करोड़ रुपये खर्च करने का दावा नगर निगम कर रहा है लेकिन कुत्तों की जनसंख्या घटी नहीं, बढी ही है। एनीमल बर्थ कंट्रोल एंड डाग रूल्स 2001के अनुसार कुत्तों को मारा नहीं जा सकता है बल्कि उनका इलाज कर उनकी खतरनाक प्रवित्तियों को नष्ट कर दिया जाता है। नियमों के मुताबिक कुत्ते को जिस इलाके में पकड़ा जाता है उसे नसबंदी और टीकाकरण के बाद उसी इलाके में छोड़ दिया जाता है।

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