कोलम्बो (श्री लंका) 20नवम्बर- गोटाबाया राजपक्षे के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद सोमवार को उनके शपथ ग्रहण लेने के बाद एक बार फिर भारत के लिए श्री लंका के साथ अच्छे राजनितिक संबंध बनाये रखना कितना महत्व पूर्ण है इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि सोमवार को गोटाबाया राजपक्षे के राष्ट्रपति पद का शपथ ग्रहण करते ही मंगलवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर का कोलम्बो पहुँच कर उनसे मुलाकात करने से समझा जा सकता है। दर असल गोटाबाया राजपक्षे के सगे बड़े भाई महेंद्रा राजपक्षे 10 वर्षों तक राष्ट्रपति थे उनके समय में चीन को पूरा सपोर्ट मिला था जिसके कारण चीन ने श्री लंका में अपनी पैठ बना ली थी और इस बात की पूरी संभावना है कि गोटाबाया राजपक्षे अपने बड़े भाई को प्रधानमंत्री बनायेंगे। 2015 के चुनाव में जीते मैत्रीपाला सिरिसेना भारत के हितों के हितैषी माने जाते थे। गोटाबाया राजपक्षे अपने बड़े भाई की ही भांति खुलेआम चीन के हितैषी होने की बात स्वीकारते हैं