फिन लैंड में ट्रैक एंड फिल्ड विश्व चैम्पियन शिप के चार सौ मीटर मुकाबले में भारत की तरफ से हिमा दास नाम किएक लड़की नेपहला गोल्ड मैडल जीतकर भारत कानाम ऊँचा किया था। उसके पहले उसे बहुत कम लोग जानते थे। वह आसाम केनगाव जिले के एक गावं कण्डोलीमारी की रहने वालीहै साधारण और गरीब परिवार की कम शिक्षा प्राप्त है। लेकिन परिश्रम धैर्य और परिवार के समर्थन से उसने यह मुकाम हासिल किया।वह पहली ऐसी धावक बानी जिन्होंने किसी अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा में गोल्ड मैडल पाया है। एथलेटिक्स फेडरेशन आफ इंडिया ने ट्वीट कर उसे बधाई तो दी। लेकिन अपने गरीबी अमीरी और अंगरेजियत वाले मोह को छोड़ नहीं पाए। उसके कम अंग्रेजी ज्ञान पर कमेंट करने से नहीं चुके बाद में आलोचना होने पर सफाई देते फिर रहे है मेरा यह लेख लिखने का सिर्फ यह तात्पर्य है की किसी भी प्रतिभा को प्रोत्साहन देना चाहिए न की उसकी अमीरी गरीबी धर्म समुदाय या स
म्प्रदाय को को ध्यान में रखकर प्रोत्साहित या हतोत्साहित करना चाहिए। ——— रवि प्रताप सिंह ,न्यूज़ रिपोर्टर