लोकसभा में दागी यानि पुलिस हिरासत में 30 से अधिक समय तक रहने वालेपी.एम. और सी.एम को हटाने के लिए कानून बनाने की बात सत्ता पक्ष की तरफ से उठाई गई, जब कि विरोधी दलों ने यह कहकर विरोध किया कि इस कानून का दुरुपयोग सत्ता सीन सरकार द्वारा किया जायेगा। मै उसकी मेरिट पर न जाकर सिर्फ इसके संसद में पास करायेगी, सिर्फ इस पर बात करना चाहूंगा। भारत राज्यों का संघ है ऐसे में सबसे पहले संविधान संशोधन बिल पास करने के लिए इसको कई चरणों में पास कराना होगा।ऐसे में इस संविधान संशोधन बिल को 50% राज्यों में पास कराना होगा।ऐसे में बुधवार को इसे संसदीय समिती में भारी हंगामें के बीच भेज दिया गया। ऐसी चर्चा है कि समित शीतकालीन सत्र में इसकी रिपोर्ट लोकसभाध्यक्ष को सौंप देगी। और उसके बाद इसे पास कराने की तैयारी शुरू होगी, चूंकि यह 130वां संविधान संशोधन बिल है इसके लिए इसे लोकसभा के दोनों सदनों में विशेष बहुमत से पास होगा। संविधान के अनुच्छेद 368 के अंतर्गत इसे दो स्तरों पर पास होना है पहला संसद के कुल सदस्यों की संख्या का 50% से अधिक और दूसरा उपस्थित या मतदान करने वाले सदस्यों का दो तिहाई बहुमत। पहला तो संसद में 50% वाला तो आसानी से एन.डी.ए पास कर लेगा इस समय संसद में 542 सदस्य हैं । लोकसभा में 293 सदस्य एन.डी.ए के हैं और राज्यसभा में एन.डी.ए की कुल संख्या 160 ही है इस तरह लोकसभा दो तिहाई बहुमत के लिए 362और राज्यसभा में दो- तिहाई बहुमत की जरूरत है इस तरह लोकसभा में 69 और राज्यसभा में 28 और सदस्यों की जरूरत होगी। ऐसे में इस संविधान संशोधन बिल का पास होना बहुत मुश्किल है । सम्पादकीय-News51.in