कप्तान के रूप में विराट कोहली के तीनों फार्मेट से विदाई, कहा कप्तानी से टेस्ट से भी इस्तीफा। एक्कीसवीं सदी के दूसरे दशक (2011-2022की शुरूआत) तक का सफ़र, शुरूआत धमाकेदार तो अंत दुखद और निराशाजनक (पिछले दो साल से अधिक समय से एक भी शतक नहीं) रहा है। कहाँ तो यह कहा जा रहा था कि विराट कोहली क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के सभी रिकार्ड तोड़ने वाले पहले बल्लेबाज बनेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आइये उनके उत्थान और पतन की कहानी की शुरुआत उनके अण्डर 19 के कप्तानी से लेकर अबतक के कैरियर पर प्रकाश डाल लेते हैं। अण्डर 19 के विश्व कप उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने जीता उस समय ही उन्हें विश्व का सबसे बेहतरीन उदीयमान बल्लेबाज कहा जाने लगा था। भारत की सीनियर टीम में साधारण शुरूआत की। उसके बाद तो वो धोनी के सबसे शक्तिशाली हथियार बन गए, युवराज सिंह और रवींद्र जडेजा के बाद सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी बने विराट कोहली हर चौथी मैच में औसतन उनका शतक आने लगा, लेकिन उसी समय रवी शास्त्री टीम के मुख्य कोच बनाए गये और यहीं से दोनों रवी शास्त्री और कप्तान धोनी के बीच इगो का टकराव भी होने लगा उस समय तक रवी शास्त्री के फेवर में चयन समिति के अध्यक्ष थे। रविशास्त्री ने विराट कोहली की महत्वकांक्षा को भड़का कर कप्तानी के लिए तैयार किया। विराट कोहली स्वयंम् भी बेहद महत्वाकांक्षी थे इस तरह धोनी को विवश हो कर कप्तानी छोड़नी पड़ी थी ।2014 में कप्तानी सम्भालने के बाद कोहली ने रविशास्त्री की मदद से अपने बेहद मजबूत किया और उनकी बल्लेबाजी भी निखरती चली गई। पत्नी अनुष्का शर्मा से शादी के बाद वह ग्लैमर की दुनिया में भी घूमने लगे। 2020 तक बेहद मजबूत नजर आ रहे विराट कोहली के बुरे दौर की शुरुआत हुई सौरभ गांगुली के बीसीसीआई का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद और उनके साथ खड़े हुए जयशाह इन दोनों की आंखों में विराट कोहली की बेअंदाजी चुभ रही थी रविशास्त्री का कार्य काल 2021 का टी- 20 विश्व कप तक था। और इधर कप्तान विराट कोहली के बल्ले से किसी भी फार्मेट में शतक नहीं आ रहा था। खेल की असल शुरूआत हुई जब विश्व कप टी- 20 के लिए टीम का मेंटर महेंद्र सिंह धोनी को बनाया गया। तभी यह साफ हो गया था कि रविशास्त्री और विराट कोहली दोनों के पर कतरने की तैयारी शुरू हो गई थी धोनी को जिसतरह कप्तानी से षडयंत्र कर हटाया गया था, उसे वह भी भूले नहीं थे। सो टकराव होना था, हुआ और धोनी ने टी- 20 विश्व कप में भारत की हार का मुख्य कारण ड्रेसिंग रूम में तनाव पूर्ण माहौल और टीम में एक जुटता और टीम 11 के गलत संयोजन का अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया। नतीजा टी- 20 के साथ एक दिवसीय मैचों से भी उनको कप्तानी से हटना पड़ा या जबरदस्ती हटाया गया। और इस दक्षिण अफ़्रीका में दौरे पर 2-1 से हार के बाद उन्होंने टेस्ट मैच की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया या देने के लिए दबाव बना कर हटाया गया। कमाल की बात ये है कि उन्होंने बीसीसीआई ,महेंद्र सिंह धोनी और रविशास्त्री का विशेष आभार व्यक्त किया। पिछले 15 टेस्ट मैचों की 27 पारियों में एक भी शतक न बना पाने से उनके फार्म में भी गिरावट आई है पिछले 23 टी- 20 में भी एक भी शतक नहीं लग पाया है। इनकी टेस्ट मैच में सबसे बढियां पल इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया दौरे पर सिरीज जीतना रहा है। टेस्ट क्रिकेट में ये चौथेसबसे सफल हैं। 16 सितम्बर 2021 कोोटी-2 0 की कप्तानी छोड़ने की घोषणा, 19 सितम्बर को आरसीबी की कप्तानी छोड़ने की घोषणा, 8 दिसम्बर को 21 को वन डे की कप्तानी से हटाए गए। और अब 15 जनवरी को टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी से इस्तीफा दिया। इस तरह विराट कोहली युग का विवादास्पद अंत हो गया।