60-70 के दशक मे वेस्टइंडीज टीम का ऐसा दबदबा था कि विश्व क्रिकेट की अन्य टीमे वेस्टइंडीज टीम से टेस्ट क्रिकेट मैच या वनडे(तब 60 ओवर) खेलने से डरती थी क्रिकेट खेलने वाले सभी देशो के खिलाड़ी(बल्लेबाज)पहले ही हथियार डाल देते थे ।उनके तेज गेंदबाजो से सभी देशो के बल्लेबाज भयभीत रहते थे ।उनके बल्लेबाज तेजी से रन बनाते थे ।वह वेस्टइंडीज की क्रिकेट का स्वर्णिम दौर था ।आज वेस्टइंडीज की टीम को देखकर और उनका साधारण प्रदर्शन देखकर भारत ही नही अपितु पूरे विश्व के क्रिकेट प्रेमीयो को ठेस पहुंची होगी ।भारत ने टेस्ट मैचो की श्रंखला और वनडे सीरीज के(दूसरे और तीसरे वनडे को छोड़कर)शेष सभी मे ऐसा प्रदर्शन किया है कि क्रिकेट का मजा ही बिगड़ गया ।भारतीय टीम मे पहले भी महान खिलाड़ी हुए है गावस्कर, कपिलदेव, बीनू माकड, दिलीप सरदेसाई, राहुल द्रविड, सौरभ गांगुली, लाला अमर नाथ, मोहिंदर अमर नाथ, मोहम्मद अजहरुद्दीन जैसे खिलाड़ी समय-समय पर भारतीय टीम का हिस्सा रहे और अपनी चमक बिखेरते रहे है किन्तु आई पी एल के हर साल आयोजन किए जाने से हमारी वर्तमान टीम मे कयी महान खिलाड़ी और प्रतिभा शाली खिलाड़ी है जैसे विराट कोहली कोहली, महेन्द्र सिंह धौनी, रोहित शर्मा जैसे महान खिलाड़ीयो के बीच के एल राहुल, शिखर धवन, ऋषभ पन्त, अम्बाटी रायडू तथा अन्य कई ऐसे प्रतिभाशाली बल्लेबाज भरे पड़े है जो आगे चलकर महान बल्लेबाज बनेगे ।इसी प्रकार गेंदबाजी मे तेज गेंदबाज इशांत शर्मा, मुहम्मद शमी, शिवम मावी, भुवनेश्वर कुमार उमेश यादव, शिवम मावी, , बुमराह, खलील अहमद, जैसे विश्व स्तरीय तेज गेंदबाज हैइस प्रकार स्पिनरो मे आर अश्विन, रवींद्र जडेजा, चहल, कुलदीप यादव, जैसे कयी प्रतिभाशाली खिलाड़ी भरे पड़े है ।सच तो यह है कि आज भारत की गेंदबाजी विश्व की सर्वश्रेष्ठ गेंद बाजी है।हालत यह है कि हमारे कप्तान और कोच को सर्वश्रेष्ठ इलेवन चुनने मे भी काफी माथापच्ची करनी पड़ती है।
आज भारत ने लगातार छठवी होम सिरीज जीती है हम पिछली बार इंग्लैंड दौरे पर आने से पहले अपना रिकॉर्ड सुधारने के चक्कर मे श्री लंका से खेलने को वरीयता न देकर इंग्लैंड पहले ही पहुंच कर वहा की आबोहवा मे कुछ प्रैक्टिस कर लिए होते तो आज शायद दूसरा ही इतिहास लिखा होता । फिर भी मेरा मानना है कि वर्तमान भारतीय टीम अबतक की सबसे अच्छी टीम है ।और यह भारतीय क्रिकेट टीम का स्वर्णिम दौर चल रहा है ।