Saturday, December 21, 2024
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उत्तर प्रदेश में सभी दलों के सत्ता लोलुप नेताओं ने नैतिकता और पार्टी की नीतियों और वफादारी का मजाक बनाकर रख दिया है क्या जनता ऐसे दल बदलुओं को सबक सिखायेगी, शायद नहीं या शायद हां और क्या अबकी बार एग्जिट पोल मजाक बन जाएंगे?

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के कुछ बड़े और दिग्गज नेता पार्टी छोड़कर दूसरे दलों में शामिल हो गए तो भाजपा ने मजाक उड़ाना शुरू किया तभी भरभरा कर भाजपा सरकार के क ई मंत्रियों और विधायकों ने भाजपा छोड़ कर अन्य पार्टियों में जोड़तोड़ कर शामिल हो गए। सपा ने कांग्रेस और भाजपा का मजाक उड़ाना शुरू किया तो क ई सपा नेताओं ने सपा का साथ छोड़ दिया और भाजपा और एकाध बसपा में शामिल हो गए। कहने का तात्पर्य ये है कि इस चुनाव में सभी दलों के सभी दलबदलू नेताओं ने अपना वह रूप दिखाया ।जो घिनौनापन की पराकाष्ठा है और कमाल यह कि ऐसे दलबदलुओं को चैनल वाले ऐसा दिखाते हैं मानो ये महा- मानव हैं और ये चुनाव ही नहीं हारेंगे। और इस बात की गारंटी भी नहीं है कि ये फिर दल न बदलें। ये तो बात हुई सभी दलों के महा- मानवों की अब जरा न्यूज चैनलों के एग्जिट पोल का भी मजा देखिए। भाजपा के विधायकों, मंत्रियों(हद तो यह कि स्वयं उप मुख्य मंत्री) की उनके क्षेत्र की जनता दौड़ा रही है दुत्कार रही है लगातार इससे सम्बधित वीडियो और सूचनाएं सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर देखने सुनने को मिल रही हैं। अब एग्जिट पोल देखिये। सरकार फिर भाजपा की दिखा रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि भाजपा का हाल अच्छा या बुरा है मैं इन दोनों विरोधाभासी बातों में बहुत कुछ ढूंढ रहा हूँ। किसानों की नाराजगी, बेरोजगारी, महिला सुरक्षा, महंगाई इन सब बातों पर कोई बहस नहीं हो रही है। सभी दलों की स्टार प्रचारकों की सूची जारी हो गई है और चुनाव आयोग के पास पहुंच गई है लेकिन प्रचार अगर वर्चुवल होगा तो इन स्टार प्रचारकों की क्या भूमिका होगी वो कैसे प्रचार करेंगे सबकुछ गड्ड- मड्ड है क्या चुनाव आयोग भीड़ को सम्बोधित करने के लिए रैलियों के आयोजन की अनुमति देगा और देगा भी उनकी सीमा क्या होगी किसी को भी पता नहीं। यूपी में ये तो तय है कि भाजपा और सपा के बीच सबसे ज्यादा सीटों पर आपस में मुकाबला होगा लेकिन बसपा और कांग्रेस के बीच तीसरे स्थान के लिए कड़ा मुकाबला होगा और बसपा कमजोर तो हुई है, कितनी देखना है। अगर कांग्रेस जिस तैयारी के साथ लड़ रही है जैसा मैने कहा भी है कि 25 -35 सीटें कांग्रेस पा लेती है ,जिसकी प्रबल सम्भावना भी है तो फिर लोकसभा चुनाव तक बसपा और सपा दोनों के लिए ही खतरे की घंटी बज जाएगी। यह चुनाव खासतौर से उत्तर प्रदेश का चुनाव भाजपा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर यूपी भाजपा के हाथ से अगर छूटा तो इसका राष्ट्रीय स्तर पर भी व्यापक असर पड़ेगा। इसीलिए पूरी भाजपा मय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और राजनाथ सिंह सहित सारे नेता यूपी में जमा हैं और प्रचार कर रहे हैं ओपीनियन पोल क्या दिखा रहे हैं अलग है। कारण बसपा । उसके वोटर कहाँ जा रहे हैं बेहद महत्वपूर्ण है क ई फैक्टर जो पिछली बार नहीं थे इस बार हैं और जो पिछली बार थे इस बार नहीं हैं अभी नहीं उन कारणों पर बाद विस्तार से विश्लेषण होगा। सम्पादकीय -News 51.in

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