आई पीएल 2021 समाप्त हो चुका है और चेन्नई की टीम आईपीएल 2021 का चैम्पियन भी बन चुका है लेकिन आईपीएल 2021 में सभी आठो टीमों के कागज पर उनकी मजबूती और क्रिकेट विशेषज्ञों की नजर में टीमों की ताकत उनके अनुमान तथा मैदान पर टीमों के परफारमेंस का लेखा-जोखा किया जाना News 51.in द्वारा आवश्यक है। सबसे बड़ी बात तो यह रही कि कागज पर और क्रिकेट के विशेषज्ञों और भूतपूर्व अधिकांश खिलाड़ियों की नजर में टूर्नामेंट के शुरूआत में ही मुम्बई ,दिल्ली और बैंगलेरु की टीम को टूर्नामेंट की सबसे मजबूत टीमें मानी जा रही थी और इन्ही में से किसी एक को सम्भावित विजेता माना जा रहा था। हालांकि पिछले आईपीएल में सबसे पहले बाहर होने वाली चेन्नई के कप्तान धोनी ने अगले आईपीएल में वापसी का वादा किया था किंतु बहुत उम्मीद इस टीम से किसी को नहीं थी और पहले मैच में चेन्नई ने अच्छी बल्लेबाजी करते हुए 218 रन बना डाले तो उनके बल्लेबाजों पोलार्ड और हार्दिक पांड्या ने चेन्नई के गेंदबाजों की धुनाई कर मैच मुम्बई को जीता दिया लेकिन उस मैच के बाद मैच दर मैच चेन्नई के सभी खिलाड़ी फार्म में आते गए और टीम किसी एक दो खिलाड़ी के भरोसे नहीं रही और हर मैच में नया मैच विजेता आते गए। हां फिर भी दोनों ओपनर डुप्लेसिस और गायकवाड़ लगातार टीम के लिए स्थायित्व के साथ परफारमेंस देते रहे। दिल्ली की टीम पूरे टूर्नामेंट में सबसे मजबूत नजर मैदान पर आयी उसके तीन सबसे तेज रफ्तार गेंदबाज, और मजबूत बैटिंग के दम पर सबसे टाप पर 20 अंको के साथ रही और लीग के दोनों मैच में चेन्नई की टीम को हराया चार-पांच मैचों के बाद मुम्बई की टीम पिछड़ती चली गई और उनके खिलाड़ी उम्मीदों के बोझ तले टूटते गए और पूरी टीम बिखर गई। लेकिन बैंगलेरु की टीम चार में पहुँच तो गयी लेकिन बहुत भरोसा नहीं दिखा पाई। दूसरी तरफ उससे भी भी बुरी तरह लड़खड़ाहट के बाद अंतिम चार में कोलकाता नाइट राईडर पहुँच सकी वह तो भला हो अय्यर को बाद के मैचों में जब खिलाया गया और आंद्रे रसेल के घायल होने से शाकिब को उनके स्थान पर खिलाया गया। उनके तीन टाप स्पिनरों(वरूण चक्रवर्ती, शाकिब और नारायण) का सिवाय चेन्नई के बल्लेबाजों को छोड़कर, किसी भी टीम के बल्लेबाज के पास कोई तोड़ नहीं था इसी प्रकार दिल्ली के तीन तेज गेंदबाजों (आवेश खान, रबाडा और ऐनरिक नोकिया) ने हर टीम के बल्लेबाजों को मुसीबत में डाला। कप्तान ऋषभपंत ने कहा भी कि उनके पास सबसे बढियां तेज और तेज गेंदबाजों वाली वाले खिलाड़ी हैं ।पूरे टूर्नामेंट में दिल्ली की टीम को अंतिम चार में पहुँचने पर सभी क्रिकेट के पंडितों और भूतपूर्व खिलाड़ियों ने (वीरेंद्र सेहवाग, गौतम गंभीर, आकाश चोपड़ा आदि) ने विजेता बताया। लेकिन पहले क्वालिफायर में चेन्नई ने दिल्ली को टीम गेम से हरा दिया तो सबकी फिलास्फी और अनुमान धरे के धरे रह गए। तब सभी की निगाहें चेन्नई की तरफ गयी और लोगों ने कहना शुरू किया कि पूरे टूर्नामेंट में इकलौती चेन्नई की टीम संगठित होकर खेल रही है और उसके सभी खिलाड़ी परफार्म कर रहे हैं जबकि धोनी को छोड़कर कोई भी सुपर स्टार खिलाड़ी टीम में नहीं था और धोनी भी पुराने दिनों की छाया मात्र रह गए थे। लीग में दोनों मैच दिल्ली से हारने वाली चेन्नई ने क्वालिफायर में दिल्ली को हरा कर तहलका मचा दिया था। उधर कोलकाता ने स्पिनरों के दम पर बैंगलेरु को हरा कर कोहली का सपना तोड़ दिया। अभी भी सबको यह उम्मीद थी कि दिल्ली कोलकाता को हराकर फाईनल चेन्नई के साथ खेलेगी। दोनों क्वालिफायर मैच में दिल्ली की हार का मुख्य कारण कप्तान रिषभ पंत के गैर जम्मेदाराना शाट चयन रहे। जिस प्रकार दोनों शाट पर वो आउट हुए, लगा कि वो आउट होने के लिए ही शाट लगा रहे हैं। नतीजा यह हुआ कि फाईनल में चेन्नई के सामने कोलकाता थी। कोलकाता टीम मैनेजमेंट ने वरूण चक्रवर्ती और शाकिब पर आवश्यकता से अधिक भरोसा किया ।जबकि इन दोनों की चेन्नई के बल्लेबाजों ने जमकर थुनाई किया और 192 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया। शुरूआत तो कोलकाता ने अच्छी की।लेकिन शार्दूल ठाकुर के एक ही ओवर में दो विकेट ने मैच का पांसा पलट दिया फिर किसी भी बल्लेबाज ने रन नहीं बनाये। और इस तरह चेन्नई ने चौथी बार धोनी की अगुवाई में आईपीएल चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया।