पिछले 10 वर्षों से केंद्रीय मंत्री रहीं और वर्तमान मे स्वास्थय एवम परिवार कल्याण राज्य मंत्री वर्तमान में उनकी पार्टी अपना दल( सोने लाल) की राष्ट्रीय अध्यक्ष रही अनुप्रिया पटेल की पार्टी एकमात्र अपनी सीट ही जीत सकीं और इससे चिंतित होकर उन्हे आरक्षण की याद आई है।जबकि पिछले 10 वर्षों से वह केंद्र में मंत्री थी और लगभग डेढ वर्ष पहले दिल्ली में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में भी ” नाट फाउंड सुटेबल का विवाद आया था लेकिन उस समय उन्होने कोई आवाज नहीं उठाई थी । दर असल लोकसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस ने आरक्षण खत्म किये जाने का जो नरेटिव दिया उसका यूपी में बहुत ही सकारात्मक परिणाम आया था और यूपी की दो सीटों पर चुनाव लड़ रही अपना दल( सोनेलाल) राबर्टसगंज की सीट भी हार गयी और मात्र मिर्जापुर की अपनी सीट अनुप्रिया जीत सकीं । जब आरक्षित वर्ग की सीटें सामान्य वर्ग से भरने का कोई नियम नहीं है तो फिर उन्होने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को पत्र अचानक बेमौसम क्यों लिखा। हालांकि केंद्रीय मंत्री के पत्र का उत्तर प्रदेश सरकार को देना पडा़ कि आरक्षित वर्ग की रिक्तियों को दूसरे वर्ग से नहीं भरा जाता है । दर असल यह अनुप्रिया पटेल का यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखना मात्र यह दिखाना भर है कि सिर्फ अखिलेश यादव और कांग्रेस ही पिछडो़ं , दलितों की हमदर्द हैं, मैं भी हूं । सम्पादकीय-News51.in