हरदोई में परसों प्रियंका गांधी के रोड शो में एकलोकतंत्र का ऐसाअद्भुत किंतु सुखद नजारा देखने को मिला जो नेहरू जी के बाद देखने को आंखें तरस गई थी। नेहरू जी के समय में उन्होंने अपने विरोधियों और दूसरी पार्टियों के नेताओं को जो सम्मान दिया था बाद इंदिरा गांधी के समय से ही लुप्तप्राय होने लगा था केवल अटल बिहारी वाजपेई जी ही ऐसे नेता बचे थे जिनका सम्मान विरोधी भी करते रहे। उसके पश्चात तो एक दल के नेताओं का दूसरे दल के नेताओं के प्रति ऐसे -ऐसे अमर्यादित बयान दिये जाने लगे जिसकी पराकाष्ठा वर्तमान समय में हो गई है। ऐसी -ऐसी अमर्यादित भाषा का प्रयोग विपक्षी और सत्ता पक्ष द्वारा किया जा रहा है कि कान बंद कर लेने का मन करता है लगता है दो दुश्मन देश के नेता एक दूसरे के प्रति अपनी भड़ास निकाल रहे हैं लोकतंत्र नाम की चीज ही नहीं रही। हुआ यूं कि हरदोई में प्रियंका गांधी का रोड शो चल रहा था उधर से भाजपा रैली से लौटते भाजपा कार्यकर्ताओं से उनकी मुलाकात हो गई प्रियंका गांधी ने भाजपा कार्यकर्ताओं से हाथ मिलाया और भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी गर्मजोशी से न केवल हाथ मिलाया बल्कि प्रियंका गांधी से कांग्रेस का घोषणापत्र मांगा प्रियंका गांधी ने भी बेहद प्रसन्नता के साथ कार्यकर्ताओं को न केवल घोषणा पत्र दिया बल्कि लड़की हूं, लड़ सकती हूं का रिबन भी दिया। ऐसा सद्भावना पूर्ण दृष्य आज की राजनीति में दिखना, यह बताता है कि सभी इसी देश के हैं और भारतीय हैं सिर्फ विचारों में भिन्नता है।