Saturday, July 27, 2024
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सियासी दंगल के दलदल में कांग्रेस -पंजाब, राजस्थान, केरल, हरियाणा, कर्नाटक और गुजरात ,महाराष्ट्र में गुटबाजी

न ई दिल्ली (6जुलाई)- कांग्रेस में शुक्रवार को नये अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाएंगी। कांग्रेस का असंतुष्ट धड़ा जिसे जी 23 का नाम भी दिया गया है और जिसकी अगुवाई गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल कर रहे हैं वह भी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए अपने कैंडिडेट तलाश रहा है हालांकि उनका पलड़ा काफी कमजोर नजर आ रहा है। दूसरी तरफ राहुल गांधी को पुनः कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। इन सब के बीच राज्यों की गुटबाजी ने आलाकमान को हलकान कर रखा है। इस बीच दिल्ली, छत्तीस गढ और तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस ने राहुल गांधी को दुबारा कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। राहुल गांधी धीरे-धीरे अपनी पकड़ संगठन पर मजबूत करते जा रहे हैं। पहले केरल में विधान सभा के नेता रहे रमेश चैनथियाल और पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी के हतप्रभ करते हुए उन्होंने अपनी पसंद का युवा अध्यक्ष केरल में बनवाया फिर महाराष्ट्र में तेजतर्रार युवा नेता नाना पटोले को प्रदेश अध्यक्ष बनने से स्पष्ट है कि भले ही राहुल गांधी अध्यक्ष नहीं हैं लेकिन सभी राज्यों में अपनी पकड़ संगठन पर मजबूत करते जा रहे हैं। इसी प्रकार तेलंगाना में युवा रेवंत रेड्डी को प्रदेश अध्यक्ष राहुल गांधी की सहमति से बनाया गया है। अब बात प्रदेश की गुटबाजी की भी। आज पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह सोनियां गांधी से मुलाकात कर पंजाब में सिद्धू प्रकरण को निपटाने का निर्णायक फैसला लिया जाएगा।पंजाब में अगले साल की शुरुआत में ही चुनाव होने हैं और केरल के असंतुष्ट नेता रमेश चैनथियाल को भी हाईकमान ने बुलाया है। एक बात तय है कि राहुल गांधी दबाव में झुकने वाले नहीं हैं। अब हरियाणा में भूपेंदर सिंह हुड्डा के 21 समर्थक विधायकों ने हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष और सोनियां गांधी की करीबी शैलजा को हटाने के लिए कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। हरियाणा में अधिकांश विधायक हुड्डा खेमे में हैं अब संगठन पर भी कब्जा जमाना चाहते हैं। गुजरात कांग्रेस क ई गुटों में बंटी हुई है नगर निगम चुनाव के बाद निष्क्रिय पड़ी है वहाँ अभी तक कोई अध्यक्ष नहीं है भरत सोलंकी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे हैं। वहीं शक्ति सिंह गोहल,अर्जुनमोडवाडियाऔर सिद्धार्थ पटेल भी पीछे नहीं हैं वहां अगले साल के अंत में चुनाव होने हैं कर्नाटक में अध्यक्ष डी के शिवकुमार और सिद्धीरमैया में छत्तीस का आंकड़ा है शिवकुमार कांग्रेस से निकाले गए 14 विधायकों को दुबारा पार्टी में शामिल करना चाहते हैं लेकिन सिद्धीरमैया इसके लिए कत्तई तैयार नहीं हैं।कर्नाटक में विधान सभा चुनाव को दो साल से भी कम बचा है। राजस्थान में अशोक गहलौत किसी भी कीमत पर सचिन पायलट समर्थकों को कोई पद नहीं देना चाहते हैं। ये सब पूर्णकालिक अध्यक्ष के न होने और कांग्रेस के कमजोर होने के कारण है। एक बार मजबूत और सक्रिय सूझबूझ वाला पूर्णकालिक अध्यक्ष बनते ही समस्याओं का समाधान निकलने का रास्ता भी आगामी होने वाले अध्यक्ष के सम्मुख मुहं बाये इंतज़ार कर रहा होगा। सम्पादक की कलम से ——News51. In

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