Saturday, July 27, 2024
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समय से पहले सोनियां गांधी चेत जायं, अच्छा है वरना राजस्थान के साथ कांग्रेस अध्यक्ष भी अनूकूल नहीं मिलेगा

ये तो अच्छा हुआ जो 25 सितम्बर को ही अशोक गहलौत के विधायकों की बैठक बुलाई गई अन्यथा अगर 30 सितम्बर के बाद यह विद्रोह होता तो कांग्रेस अध्यक्षा के लिए फिर कुछ नहीं बचता। अब भी अशोक गहलौत पर अगर सोनियां गांधी भरोसा करेंगी तो उनके हाथ सिर्फ राख होगी ।सोनियां गांधी को अपने दूसरे विकल्प पर भी विचार करना चाहिए। कमलनाथ, पवन बंसल में पवन बंसल धीर-गम्भीर और कम बोलने वाले और कर्मठी और विद्वान नेता हैं साथ ही गांधी नेहरु परिवार के विश्वास पात्र भी हैं वहीं कमलनाथ हैं तो गांधी नेहरु परिवार के विश्वास पात्र किंतु जब अशोक गहलौत धोखा दे सकते हैं तो कमलनाथ भी, किंतु पवन बंसल से इसकी उम्मीद तो नहीं है। अब देखिये क्या अशोक गहलौत को माफ कर पुनः उन पर भरोसा कर सोनियां गांधी पूरी पार्टी से अपनी शाख खो देंगी या किसी अन्य विकल्प का इस्तेमाल करती हैं क्योंकि आज को लेकर तीन दिन का समय कांग्रेस अध्यक्ष के लिए पर्चा दाख़िल करने का समय शेष बचा है पवन बंसल मनमोहन सिंह की सरकार में संसदीय कार्यमंत्री और जल संशाधन मंत्री भी रह चुके हैं और रेलमंत्री भी रह चुके हैं 2013 में रेल मंत्री पद उन्हें छोड़ना पड़ा था। मनमोहन सिंह जी के पहले कार्यकाल में वह वित्त राज्य मंत्री भी बने थे।चंडीगढ़ से लोकसभा चुनाव लडकर जीत चुके हैं वहीं कमलनाथ हैं ,जो मध्य प्रदेश के कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं और कांग्रेस के बड़े पुराने और गांधी नेहरु परिवार के विश्वास पात्र नेता हैं

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