Sunday, October 6, 2024
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वास्तु दोष दूर करने वाले ये पौधे

वास्तु दोष दूर करने वाले पौधे

आज के तनाव भरी जीवन शैली में अगर हरियाली के कुछ पल दिख जाए। तो आंखों के साथ-साथ शरीर भी ऊर्जावान महसूस करने लगता है। यही सब सोच कर लोग अपने घरो में छोटी सी बगिया सजा लेते हैं। परंतु अज्ञानता वश कुछ ऐसे पेड़ पौधे लगा देते हैं जो उनके ग्रहों और वास्तु के हिसाब से बहुत ही नकारात्मक प्रभाव उनके जीवन पर डालते हैं तो, कौन से पौधे लगाने से वास्तु दोष और आपके दुर्भाग्य दूर हो सकते हैं।

तुलसी
तुलसी के पौधे को कार्तिक मास में घर के उत्तर पूर्व दिशा की ओर लगाना सबसे शुभ माना जाता है। तुलसी पूजन से अनेक ग्रह दोष, पाप कर्म और वास्तुदोष का नाश होता है। घर में एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण होता है तथा घर धन-धान्य से परिपूर्ण रहता है।

आंवला
आंवला भगवान विष्णु को प्रिय पेड़ जिसमें देवताओं का वास माना जाता है इसे घर के उत्तर और पूर्व दिशा में लगाना चाहिए तथा इसकी रोज पूजा करनी चाहिए। रोज पूजा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में धन की कोई कमी नहीं रहती जिससे आपके कष्टों का निवारण होता है।

पारिजात यानि हरसिंगार
यह पौधा घर में लगाना अति शुभ माना जाता है। इसे घर के पूर्व या उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। समुद्र मंथन में ग्यारह नंबर पर जो रत्न प्राप्त हुआ था, वह पारिजात वृक्ष ही है। इसलिए इसे स्वर्ग का पौधा भी कहा जाता है, जिसे छूने मात्र से ही शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, और थकान मिट जाती है। जिस घर में यह पौधा होता है, वहां देव दोष शांत होता है तथा सभी देवी देवताओं का आशीर्वाद बना रहता है। और उस घर में धन की कोई कमी नहीं रहती।

शमी
शमी को भगवान शनिदेव का पौधा कहते हैं। जिसको घर के बाहर ऐसे लगाना चाहिए की जब भी आप घर से निकले तो ये आपको दायी ओर से दर्शन दें और इसकी नियमित सरसों के तेल से दीपक जलाकर पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि शनि देव किसी को भी राजा से रंक या रंक से राजा बना सकते हैं। इसलिए शमी के पौधे की पूजा करने से घर में धन धान्य की कभी कमी नहीं होती और शनिदेव का आशीर्वाद भी मिलता रहता है।

बिल्वपत्र का वृक्ष
घर के आंगन में बेलपत्र का पेड़ लगाने से घर पापनाशक और यशस्वी हो जाता है। बेलपत्र के वृक्ष और सफेद आक को जोड़े से लगाने पर निरंतर लक्ष्मी की प्राप्ति होती रहती है। अगर पेड़ घर के उत्तर-पश्चिम में लगा हो तो इससे यश बढ़ता है। वहीं घर के उत्तर-दक्षिण में पेड़ हो तो सुख-शांति बढ़ती है और बीच में हो तो मधुर जीवन बनता है। बिल्वपत्र के वृक्ष में लक्ष्मी का वास माना गया है। इसकी पूजा करने से दरिद्रता दूर होती है।

मनीप्लांट
मनी प्लांट घर के दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। इसको लेकर प्रचलित है कि यह जिस घर में जितना तेजी फैलता है, वहा उतनी तेज़ी से धन और समृद्धि बढ़ती है बशर्ते इसके पत्ते काले और पूरे पीले नहीं पड़ने चाहिए, साथ ही जमीन पर भी नहीं फैलने चाहिए। यह जितना घना होता है उतनी ही घर में बढ़िया सकारात्मकता फ़ैलती है।

अश्वगंधा
अश्वगंधा को भी बहुत ही शुभ माना जाता है । इसे घर में लगाने से समस्त वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं ।अश्वगंधा का पौधा जीवन में शुभता को बढ़ाकर जीवन को और भी अधिक सक्रिय बनाता है। यह एक अत्यन्त लोकप्रिय आयुर्वेदिक औषधि है।

अशोक का पौधा
घर में अशोक का पौधा लगाना भी बहुत शुभ माना गया है । अशोक अपने नाम के अनुसार ही शोक को दूर करने वाला और प्रसन्नता देने वाला वृक्ष है। इससे घर में रहने वालों के बीच आपसी प्रेम और सौहार्द बढ़ता है।

गुडहल का पौधा
गुडहल का पौधा ज्योतिष में सूर्य और मंगल से संबंध रखता है, गुडहल का पौधा घर में कहीं भी लगा सकते हैं, परंतु ध्यान रखें कि उसको पर्याप्त धूप मिलना जरूरी है। गुडहल का फूल जल में डालकर सूर्य को अघ्र्य देना आंखों, हड्डियों की समस्या और नाम एवं यश प्राप्ति में लाभकारी होता है। मंगल ग्रह की समस्या, संपत्ति की बाधा या कानून संबंधी समस्या हो, तो हनुमान जी को नित्य प्रात: गुडहल का फूल अर्पित करना चाहिए। माँ दुर्गा को नित्य गुडहल अर्पण करने वाले के जीवन से सारे संकट दूर रहते है ।

नारियल का पेड़
नारियल का पेड़ भी शुभ माना गया है । कहते हैं, जिनके घर में नारियल के पेड़ लगे हों, उनके मान-सम्मान में खूब वृद्धि होती है।

नीम
घर के वायव्य कोण में नीम केे वृक्ष का होना अति शुभ होता है। सामान्तया लोग घर में नीम का पेड़ लगाना पसंद नहीं करते, लेकिन घर में इस पेड़ का लगा होना काफी शुभ माना जाता है। पॉजिटिव एनर्जी के साथ यह पेड़ कई प्रकार से कल्याणकारी होता है। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति नीम के सात पेड़ लगाता है उसे मृत्योपरांत शिवलोक की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति नीम के तीन पेड़ लगाता है वह सैकड़ों वर्षों तक सूर्य लोक में सुखों का भोग करता है।

केले का पौधा
केले का पौधा धार्मिक कारणों से भी काफी महत्वपूर्ण माना गया है। गुरुवार को इसकी पूजा की जाती है और अक्सर पूजा-पाठ के समय केले के पत्ते का ही इस्तेमाल किया जाता है। इसे भवन के ईशान कोण में लगाना चाहिए, क्योंकि यह बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधि वृक्ष है।इसे ईशान कोण में लगाने से घर में धन बढ़ता है। केले के समीप यदि तुलसी का पेड़ भी लगा लें तो अधिक शुभकारी रहेगा। इससे विष्णु और लक्ष्मी की कृपा साथ-साथ बनी रहती है। कहते हैं इस पेड़ की छांव तले यदि आप बैठकर पढ़ाई करते हैं तो वह जल्दी जल्दी याद भी होता चला जाता है।

बांस का पौधा
बांस का पौधा घर में लगाना अच्छा माना जाता है। यह समृद्धि और आपकी सफलता को ऊपर ले जाने की क्षमता रखता है।सामान्यता दूध या फल देने वाले पेड़ घर पर नहीं लगाने चाहिए, लेकिन नारंगी और अनार अपवाद है । यह दोनों ही पेड़ शुभ माने गए है और यह सुख एवं समृद्धि के कारक भी माने गए है । धन, सुख समृद्धि और घर में वंश वृद्धि की कामना रखने वाले घर के आग्नेय कोण (पूरब दक्षिण) में अनार का पेड़ जरूर लगाएं। यह अति शुभ परिणाम देता है।वैसे अनार का पौधा घर के सामने लगाना सर्वोत्तम माना गया है । घर के बीचोबीच पौधा न लगाएं। अनार के फूल को शहद में डुबाकर नित्यप्रति या फिर हर सोमवार भगवान शिव को अगर अर्पित किया जाए, तो भारी से भारी कष्ट भी दूर हो जाते हैं और व्यक्ति तमाम समस्याओं से मुक्त हो जाता है।

राशि अनुसार पेड़ की पूजा
मेष एवं वृश्चिक – खैर
वृषभ एवं तुला – गूलर
मिथुन एवं कन्या – अपामार्ग
कर्क – पलाश
सिंह – आंकड़े का पौधा
धनु एवं मीन – पीपल
मकर एवं कुंभ – शमी

इन्हीं पेड़ों की लकड़ियों से संबंधित राशियों के ग्रह स्वामी की शांति हेतु हवन भी किया जाता है।

सभी वृक्षों का अपना अलग महत्व है, लेकिन कुछ वृक्ष ऐसे है जिनका शास्त्रों में काफी महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि पीपल में जल अर्पित करने से सभी प्रकार के ग्रह दोष दूर हो जाते हैं और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा अन्य वृक्ष जैसे नीम, बरगद, बेलपत्र, अशोक, चंदन, आम आदि की भी पूजा की जाती है या इनके फल, पत्ते, तने को पूजा में शामिल किया जाता है।

पीपल में जल चढ़ाने से शनि की साढ़ेसाती या ढैया में बहुत जल्द लाभ प्राप्त होता है, कालसर्प दोष का प्रभाव भी कम होता है। जिन लोगों का भाग्य साथ नहीं देता उन्हें पीपल में प्रतिदिन जल चढ़ाकर, सात परिक्रमा करनी चाहिए। इससे कुछ ही दिनों में व्यक्ति को भाग्य का साथ अवश्य मिलने लगेगा।
आचार्य हृषि केश पाठक।।

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